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Varanasi News: पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह का बड़ा बयान, बोले- राष्ट्रीय स्तर पर हो जातीय जनगणना
Varanasi News: आनंद मोहन ने कहा, लोकतंत्र के साथ संविधान को हमने स्वीकारा है संविधान स्वयं में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी संविधान हैं। संविधान की शपथ लेकर कोई किसी जाति या कौम को गाली दे ये स्वीकार्य नहीं है।
Varanasi News: बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह वाराणसी पहुंचे, इस दौरान सारनाथ स्थित एक निजी होटल में मीडिया से बातचीत करते बताया कि एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वाराणसी आया हुआ था। बिहार की राजनीति में ठाकुर के ऊपर राज्यसभा में मनोज झा के कविता पढ़ने के बाद राजनैतिक रुप से माहौल काफी गर्म हो गया था। जिसके बाद आनंद मोहन सिंह का बयान भी आया था। ठाकुर के ऊपर कविता को लेकर आनंद मोहन सिंह ने कहा कि हमारे पुरखों ने कुर्बानियां दी देश में लोकतंत्र लाने के लिए।
ठाकुर विवाद पर बोले- आनंद मोहन
आनंद मोहन ने कहा, लोकतंत्र के साथ संविधान को हमने स्वीकारा है। संविधान स्वयं में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी हैं। संविधान की शपथ लेकर कोई किसी जाति या कौम को गाली दे ये स्वीकार्य नहीं है। इसलिए हमने याद दिलाया कि खासतौर पर जो राज्यसभा में बैठा हो जिसको माननीय शब्द से अलंकृत किया जाता है उसको ये अधिकार किसी ने नहीं दिया कि वो किसी जाति और कौम को आहत करे।
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बताया, जब मेरी उम्र 17- 18 साल की थी तब इस देश में इमरजेंसी लगी तो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए क्रांति 2 अखबार के संपादक की हैसियत से मैं जेल गया। यह मेरा इतिहास है। इसलिए हम इसको कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। स्वयं मैं जेपी सेनानी रहा हूं आजादी की लड़ाई में मैं जेल जा चुका हूं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि जो राज्य मुखिया हैं उनसे मुलाकात जन समस्याओं को लेकर यह आम बात है। एक निमंत्रण देने भी मैं पिछले 27 तारीख को मुख्यमंत्री आवास गया था। इस दिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार मेरे गांव भी गए थे। मेरे परिवार में दादाजी और चाचा जी के आदमकद की प्रतिमाओं के अनावरण के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे गांव गए थे। मेरे चाचा जी सैन 1942 के प्रखर क्रांतिकारी रहे।
जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में क्षत्रियों की संख्या कम दिखाए जाने के लेकर सवाल किया गया तो आनंद मोहन सिंह ने कहा कि अगर कोई काम करके दिखाएगी तो जनगणना दोबारा होगी इसका स्कोप तो है मैं समझता हूं की जाति जनगणना से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। जातिगत जनगणना को बढ़ावा दिया जाए लेकिन मैं समझता हूं कि एक-एक जाति को प्रोत्साहन दीजिए। वहीं दूसरी तरफ जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी पॉलिसी सरकार को बनानी चाहिए। अंतर जातीय विवाह को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होने कहा मैं समझता हूं की सरकारों को स्थिर मन से इन सारी चीजों पर विचार कर लेना चाहिए। जाति जनगणना हो तो किसी एक प्रांत में ना हो। पूरे राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए।