Gyanvapi Case: ASI ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी कोर्ट को सर्वे रिपोर्ट, 21 दिसंबर को मिलेगी याचिकाकर्ताओं को कॉपी

Gyanvapi Case: एएसआई ने चार अगस्त से लेकर 2 नवंबर तक ज्ञानवारी परिसर का सर्वे किया। इस दौरान जिस वुजूखाना शिवलिंग मिला उस एरिया को सील कर बाकी पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की गई।

Viren Singh
Published on: 18 Dec 2023 9:30 AM GMT (Updated on: 18 Dec 2023 9:35 AM GMT)
Gyanvapi Case
X

Gyanvapi Case (सोशल मीडिया) 

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) सोमवार को जिला जज की अदालत में पेश कर दिया है। एएसआइ ने कोर्ट में सफेद रंग के सील बंद लिफाफे में परिसर सर्वे की रिपोर्ट पेश की है। इस दौरान कोर्ट परिसर में हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष दोनों लोगों मौजूद रहे। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से मांग की गई है सर्वे रिपोर्ट अभी सार्वजनिक न की जाए, पहले हमारा पक्ष को सुन लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि तीन दिन बार सर्वे रिपोर्ट की पूरी कार्ड कॉपी सभी वादी लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी। बता दें कि ज्ञानवापी केस की सुनवाई जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश के समक्ष सर्वे रिपोर्ट पेश हुई। इससे पहले कोर्ट ने 18 दिसंबर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कई बार एएसआई को समय मिला चुका था।

21 दिसंबर को मिलेगी रिपोर्ट की कॉपी

वहीं, रिपोर्ट दाखिल होने से पहले मुस्लिम पक्ष की ओर से मांग की गई है कि रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश हो। हुआ भी ऐसा ही एएसआइ ने कोर्ट में अपनी सर्वे रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की। मुस्लिम पक्षकारों ने ये भी मांग की गई है, यह रिपोर्ट तब तक सार्वजनिक न की जाए, जब तक हमारा पक्ष नहीं सुन लिया जाता है। रिपोर्ट पेश से दौरान मौजूद रहे एक वकील ने बताया कि कोर्ट 21 दिसंबर को एएसआइ सर्वे रिपोर्ट की कॉपी याचिकाकर्ताओं को सौंपेगा। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न की जाए।

कई बार मिला समय

एएसआई ने 24 जुलाई को ज्ञानीवापी परिसर पर अपना सर्वे शुरू किया था। बीते 2 नवंबर को जिला जज कोर्ट को सूचित किया था। उसने ज्ञानीवापी परिसर सर्वे का काम पूरा कर लिया है। हालांकि सर्वे पूरा होने के बाद भी एएसआई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाया। सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एएसआइ को जिला जज से चार बार समय दिया जा चुका था।

वैज्ञानिक विधि से हुआ परिरस का सर्वे

ज्ञानवापी परिसर का ASI ने वैज्ञानिक विधि से जांच-सर्वे किया है। इसमें एएसआइ के साथ पुरातत्वविद्, रसायनशास्त्री, भाषा विशेषज्ञों, सर्वेयर, फोटोग्राफर समेत तकनीकी विशेषज्ञों की टीमें भी लगी रहीं। परिसर की बाहरी दीवारों (खास तौर पर पश्चिमी दीवार), शीर्ष, मीनार, तहखानों में परंपरागत तरीके से और जीपीएस, जीपीआर समेत अन्य अत्याधुनिक मशीनों के जरिए साक्ष्यों की जांच की गई। एएसआई टीम का नेतृत्व अपर महानिरदेशक आलोक त्रिपाठी ने किया।

2 नवंबर को एएसआई ने पूरी की जांच

एएसआई ने चार अगस्त से लेकर 2 नवंबर तक ज्ञानवारी परिसर का सर्वे किया। इस दौरान जिस वुजूखाना शिवलिंग मिला उस एरिया को सील कर बाकी पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की गई। दरअसल, मंदिर पक्ष की ओर से जिला जज में बीते 16 मई, 2023 को ज्ञानावापी परिसर की जांच कराने के लिए एक प्रार्थना दाखिला किया गया। इस पत्र का स्वीकार करते हुए 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर (सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील क्षेत्र को छोड़कर) का सर्वे करके का आदेश दिया था। एएसआई ने परिसर की जांच पूरी कर ली थी।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

Next Story