TRENDING TAGS :
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में व्यास जी के तहखाने मामलें में कोर्ट कल करेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की याचिका पहले ही हो चुकी है खारिज
Gyanvapi Case: हिंदू वादिनी महिलाओं की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए यह मांग की गई थी कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व्यास जी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है।
Varanasi News: ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने पर कब्जा की आशंका को लेकर जिलाधिकारी की सुपुर्दगी और निगरानी देने से संबंधित प्रकरण में दाखिल स्थानांतरण आवेदन के निस्तारण के लिए आज जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। हिंदू पक्ष ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा, जबकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति पहले ही दर्ज करा दी गई है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख दे दी है।
कोर्ट कल करेगी सुनवाई
बता दें कि जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज दो ट्रांसफर वाद पर सुनवाई होनी थी। पहला मामला शैलेन्द्र व्यास की तरफ से दखिल किया गया था, जिसमें व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द करने और पूजा पाठ की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। वहीं हिंदू पक्ष अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत से स्थानंतरित किये जाने का अनुरोध किया था। जिस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति थी। विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्ष रखना था, लेकिन उन्होंने कोर्ट से और समय मांगा है कोर्ट कल फिर सुनवाई करेगा। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने मंगलवार को आपत्ति याचिका दाखिल किया था। बुधवार को सुनवाई करते हुए जिला जज की कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने नोटिस जारी किया था, लेकिन ट्रस्ट की तरफ से आज समय मांगा गया जिसपर कोर्ट ने कल सुनवाई के लिए डेट दिया है।
जुमन इंतजामिया तहखाने पर कब्जा कर सकती
हिंदू वादिनी महिलाओं की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए यह मांग की गई थी कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी व्यास जी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है। तहखाने की सुपुर्दगी जिलाधिकारी वाराणसी को दे दिया जाए। यह वाद विष्णु शंकर जैन, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी के जरिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया था। जिसपर आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कल दोपहर 2.30 बजे का समय दिया है। प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल आपत्ति में कहा गया है कि ट्रांसफर अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। लोअर कोर्ट में दाखिल याचिका ट्रांसफर की जा सकती है ना की अपीलीय कोर्ट में। वहीं इस मामले पर सुनवाई जारी है।