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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में पूजा-पाठ रुकवाने इलाहाबाद HC पहुंचा मुस्लिम पक्ष, जिला अदालत से मांगी 15 दिनों की मोहलत

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में व्यास जी तहखाना में पूजा-अर्चना मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट पहुंचा है।

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Published on: 1 Feb 2024 12:55 PM GMT (Updated on: 1 Feb 2024 1:01 PM GMT)
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ज्ञानवापी (Social Media)

Gyanvapi Masjid Controversy: वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष गुरुवार (01 फ़रवरी) को एक बार फिर अदालत की शरण में है। व्यास जी तहखाने में पूजा के अधिकार के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर की है। अंजुमन इंतजामिया कमिटी ने जल्द सुनवाई की गुहार भी लगाई है। मुस्लिम पक्ष ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। आपको बता दें कि, हिंदू पक्ष पहले ही केविएट दाखिल कर चुका है।

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी तहखाने में पूजा के अधिकार का मामला फिर वाराणसी जिला अदालत पहुंचा। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से 15 दिनों की मोहलत मांगी है। मुस्लिम पक्ष की याचिका में कहा गया है कि, 15 दिनों तक आदेश को लागू न किया जाए। गौरतलब है कि, वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। जिसमें हिंदुओं को व्यास जी तहखाने में पूजा करने अधिकार दिया। आदेश में सात दिनों के भीतर जिला प्रशासन को पूजा-पाठ की व्यवस्था बहाल करने की भी हिदायत दी गई थी

बिना किसी सबूत कोर्ट ने दिए आदेश

मुस्लिम पक्ष के वादी मुख्तार ने व्यास जी तहखाने में पूजा का विरोध किया है। उनका कहना है कि, बिना किसी सबूत के कोर्ट ने आदेश दिया। वादी ने फैसले को जल्दबाजी में दिया बताया। इधर, अदालत के आदेश की तामील में जिला प्रशासन जुट गया। वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों ने बैठक बुलाई। बैठक में शहर की शांति-व्यवस्था बनाए रखने पर चर्चा हुई। साथ ही, बुधवार देर रात व्यास तहखाना में पूजा विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविण ने कराई।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

वहीं, वाराणसी जिला अदालत के के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। ज्ञानवापी मस्जिद समिति (Gyanvapi Mosque Committee) को सुप्रीम कोर्ट से तब बड़ा झटका लगा जब शीर्ष अदालत ने मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। बुधवार को ही वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा के अधिकार के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद व्यास जी तहखाने में देर रात पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से जिला अदालत के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया गया।

मुस्लिम पक्ष की जिला अदालत से अपील

वाराणसी जिला अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में मुस्लिम पक्ष ने मांग की है कि, कल (31 जनवरी) के पारित आदेश का क्रियान्वयन कम से कम 15 दिनों तक स्थगित किया जाए। इसके पीछे मुस्लिम पक्ष की दलील है कि, नकल प्राप्त करने और रिविजन तैयार करने में समय लगेगा। इसलिए कोर्ट कल के आदेश का क्रियान्वयन कम से कम 15 दिनों तक स्थगित करने का आदेश पारित करे। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट भी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को तत्काल राहत देने से इंकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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