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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्बन डेटिंग कराने पर लगाई रोक, अब 7 अगस्त को होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से वकील हुजेफा अहमदी अदालत में पक्ष रखी। इस मामले में हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है।

Krishna Chaudhary
Published on: 19 May 2023 2:42 PM IST (Updated on: 19 May 2023 10:10 PM IST)
Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्बन डेटिंग कराने पर लगाई रोक, अब 7 अगस्त को होगी सुनवाई
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Gyanvapi Masjid Case (फोटो: सोशल मीडिया )

Gyanvapi Masjid Case: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार 19 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई हुई । शीर्ष अदालत ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने के मामले पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई। पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के कॉर्बन डेंटिंग कराए जाने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद HC के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई। मुस्लिम पक्ष की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कार्बन डेटिंग के मामले में अगली सुनवाई तक रोक लगाई। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से वकील हुजेफा अहमदी अदालत में पक्ष रखा। इस मामले में हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है।

हाईकोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग के मिलने के बाद से हिंदू पक्ष लगातार इसके साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने की मांग करता रहा है। जबकि मुस्लिम पक्ष इसका विरोध करते रहे हैं। मामला जब वाराणसी के लोअर कोर्ट पहुंचा तो वहां फैसला मुस्लिम पक्ष के हिस्से आया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बरकरार रखने वाले आदेश का हवाला देते हुए कॉर्बन डेंटिंग कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। 12 मई को इस पर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया जो कि हिंदू पक्ष के फेवर में था। हाईकोर्ट ने कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने पर हामी भर दी। हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा था।

कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर आदेश दिया था, जिसमें एएसआई ने कहा था कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है। हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के सीनियर वकील मनोज सिंह ने भी एसआई के जवाब पर अपनी सहमति प्रकट की थी। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि शिवलिंग की कॉर्बन डेंटिंग कैसे होगी, इस पर वाराणसी कोर्ट निर्णय लेगा। उन्हीं की निगरानी में फैसला लिया जाएगा। बता दें कि शिवलिंग की कॉर्बन डेंटिंग से उसके आयु के बारे में पता लगाया जा सकता है। जिससे ज्ञानवापी विवाद का पटाक्षेप करने में बड़ी मदद मिल सकती है।

Krishna Chaudhary

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