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Gyanvapi Case: 31 साल बाद मंत्रोच्चार से गूंजा ज्ञानवापी, व्यास जी तहखाने में रात दो बजे हुई पूजा

Gyanvapi Case: तहखाने में मूर्तियां रखकर पूजा-अर्चना की गई। 31 साल बाद ये मौका आया, जब पूरा ज्ञानवापी परिसर मंत्रोच्चार से गूंज उठा।

Krishna Chaudhary
Published on: 1 Feb 2024 8:59 AM IST (Updated on: 1 Feb 2024 10:57 AM IST)
Gyanvapi mosque
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Gyanvapi mosque   (photo: social media )

Gyanvapi Case: भगवान शिव की नगरी वारणसी के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक रहा। जिला अदालत ने विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर स्थित व्यास जी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति प्रदान कर दी। जिसके बाद देर रात पूरा पुलिस-प्रशासनिक अमला कोर्ट के फैसले को तामील कराने ज्ञानवापी पहुंचा। तहखाने में मूर्तियां रखकर पूजा-अर्चना की गई। 31 साल बाद ये मौका आया, जब पूरा ज्ञानवापी परिसर मंत्रोच्चार से गूंज उठा।

दरअसल, बुधवार को अदालत का फैसला आते ही ज्ञानवापी के बाहर हलचल बढ़ने लगी। रात लगभग 10 बजे वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने पहुंचे। उनके साथ पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन और मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा भी मौजूद रहे। परिसर के बाहर पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी थी। अधिकारियों के आते ही सबसे पहले बैरिकेडिंग हटवाई गई और साफ-सफाई कराने के बाद विधि-विधान से पूजा शुरू हुई।

तहखाने में पूजन काशी के प्रसिद्ध कर्मकांडी गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने की। पूजन कार्य संपन्न होने के बाद रात तीन बजे के करीब वाराणसी डीएम और कमिश्नर एक साथ ज्ञानवापी से बाहर निकले। इस मौके पर बाहर मौजूद मीडिया से डीएम राजलिंगम ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन किया गया है।

मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एसजी ने कोर्ट के आदेश का पालन किया है। केवीएम ट्रस्ट के पुजारी द्वारा मूर्तियां स्थापित करने के बाद शयन आरती की गई, उनके सामने अखंड ज्योति जलाई गई। सभी देवताओं की दैनिक आरती – सुबह की मंगला आरती, भोग आरती, शाम की आरती, देर शाम सूर्यास्त की आरती और शयन आरती की जाएगी।


साइनबोर्ड से मस्जिद शब्द हटाया

व्यास जी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद आम लोगों में हर्ष का माहौल है। वहीं, हिंदूवादी संगठन भी इससे खासे उत्साहित हैं। राष्ट्रीय हिंदू दल नामक एक संगठन ने विश्वनाथ मंदिर मार्ग पर लगे साइन बोर्ड से ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर मंदिर का पोस्टर चस्पा कर दिया है। बता दें कि दो दिन पहले इस हिंदूवादी संगठन की ओर से मुख्यमंत्री और पर्यटन निदेशालय को पत्र लिखा गया था, जिसमें साइन बोर्ड पर लिखे ज्ञानवापी शब्द के आगे से मस्जिद को हटाकर मंदिर किए जाने की मांग की गई थी।

बता दें कि ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दिए जाने से मुस्लिम पक्ष नाराज है। उन्होंने जिला अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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