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Gyanvapi survey: ASI को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए मिला 17 नवंबर तक का समय, जानें और क्या कहा?
Gyanvapi survey Report: वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है।
Gyanvapi survey Report: वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque) के वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है। केन्द्र सरकार के वकील अमित श्रीवास्तव ने गुरुवार (02 नवंबर) को बताया कि ASI ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम पूरा कर लिया है। मगर, इसकी रिपोर्ट और इस कवायद में इस्तेमाल किए गए उपकरणों की रिपोर्ट संकलित करने में कुछ और वक़्त लग सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि, इसके मद्देनजर एएसआई ने जिला अदालत से रिपोर्ट सौंपने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की।
ASI ने रिपोर्ट सौंपने के लिए मांगा था 15 दिन का समय
आपको बता दें, वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाना डीएम की सुपुर्दगी में देने के लिए शैलेन्द्र पाठक की ओर से दाखिल वाद में जिला जज की अदालत में आपत्ति छह नवंबर तक स्वीकार होगी। जिस पर फैसला 8 नवंबर को आ सकता है। जिला जज की अदालत में ASI सर्वे की रिपोर्ट सौंपने को लेकर सुनवाई हुई। सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ASI ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा था। ASI ने जिला कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा था। अदालत ने ASI की मांग स्वीकार करते हुए सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया है। अब 17 नवंबर को ASI कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी।
विवरण संकलन में लग सकता है समय
अदालत को सूचित किया गया कि एएसआई ने अपना सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। मगर, सर्वेक्षण कार्य में उपयोग किए गए उपकरणों के विवरण के साथ रिपोर्ट संकलित करने में कुछ और समय लग सकता है। अतिरिक्त समय के लिए अनुरोध किया गया था। बता दें, इससे पहले 5 अक्टूबर को कोर्ट ने ASI को 4 हफ्ते का वक्त और दिया था। तब कहा था कि सर्वे की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी।
DM के सुपुर्द हो व्यास जी का तहखाना
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश (District Judge Ajay Krishna Vishwesha) की अदालत में आज सुनवाई हुई। मामले में सभी पक्षकारों को पैरवी के लिए वादी पक्ष को समय दिया गया। इस वाद में वादी पक्ष ने व्यास जी के तहखाने को विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद द्वारा कब्जा किये जाने की आशंका जताई है। ऐसे में इसे डीएम की सुपुर्दगी में दिए जाने के लिए वाद दाखिल किया गया है। वाद में कहा गया है कि व्यास जी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा। वर्ष 1993 के बाद प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई। वर्तमान में नंदी जी के सामने स्थित व्यास जी के तहखाने का दरवाजा खुला है। ऐसी परिस्थिति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए व्यास जी का तहखाना डीएम की सुपुर्दगी में दे दिया जाए।