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Varanasi : पूर्व कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन की अस्थियां गंगा में प्रवाहित, बेटे-भाई के साथ बीजेपी विधायक और नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Varanasi News: पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन के पुत्र और उनके दोनों भाइयों के साथ वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी, बीजेपी काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल, भाजपा के जिलाध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा सहित अन्य थे।

Purushottam Singh
Published on: 13 Nov 2023 2:18 PM GMT (Updated on: 13 Nov 2023 2:24 PM GMT)
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पूर्व कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन की अस्थियां गंगा में प्रवाहित (Social Media)

Varanasi News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन (Ashutosh Tandon) का हाल ही में निधन हुआ। उनके निधन के बाद सोमवार (13 नवंबर) को उनके परिजन अस्थि कलश के साथ काशी पहुंचे। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat of Varanasi) से नाव पर सवार हो बीच गंगा में उनकी अस्थियों को विसर्जित किया गया।

पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन के पुत्र और उनके दोनों भाइयों के साथ वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी (Varanasi Mayor Ashok Tiwari), बीजेपी काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल, भाजपा के जिलाध्यक्ष और एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा (MLC Hansraj Vishwakarma) सहित अन्य थे। पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन की अस्थियों को काशी के ब्राह्मणों ने उनके परिवार के सदस्यों द्वारा गंगा में प्रवाहित करवाया।

भाई बोले-...काशी से था विशेष लगाव

प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन के भाई ने मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि, 'भैया का काशी से गहरा लगाव था। वो यहां दो वर्षों तक प्रभारी मंत्री भी रहे। इसलिए उनका यहां के कार्यकर्ताओं के साथ भी गहरा रिश्ता रहा है। उन्होंने आगे कहा, बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनके अस्थि कलश को लेकर आये थे। मां गंगा में आज उसे प्रवाहित किया'।

'गोपाल जी' का पिंडदान

ज्ञात हो कि, पूर्व कैबिनेट मंत्री और लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। आशुतोष टंडन को उनके जानने वाले 'गोपालजी' के नाम से भी परिचित थे। आज उनकी अस्थियां वाराणसी में गंगा में विसर्जित की गईं। दशाश्वमेध घाट पर पुरोहितों ने विधि-विधान से पिंडदान कराया। उनकी अस्थियों को छोटे भाई अमित टंडन समेत परिजन ने गंगा में प्रवाहित किया। बता दें कि, आशुतोष टंडन का निधन 9 नवंबर को लखनऊ में हो गया था, वे 63 वर्ष के थे और कैंसर से पीड़ित थे।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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