TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Gyanvapi Masjid News: जानिए कैसे बनी थी ज्ञानवापी मस्जिद, औरंगजेब के आक्रमण से कानूनी लड़ाई तक पूरी दास्तान

Gyanvapi Masjid News: ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण सन 1669 में मुगल आक्रमणकारी औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर किया था। प्राचीन आदि विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण उसी के मलबे से औरंगजेब ने करवाया था।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 27 Aug 2023 5:18 PM IST

Gyanvapi Masjid News: ज्ञानवापी, आलमगीर मस्जिद का विवाद वैसे तो काफी पुराना है लेकिन आज हम आपको इतिहास से भी रुबरु करवाते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण सन 1669 में मुगल आक्रमणकारी औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर किया था। प्राचीन आदि विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण उसी के मलबे से औरंगजेब ने करवाया था।

ज्ञानवापी की अदालती लड़ाई सबसे पहले 15 अगस्त 1937 को शुरू हुई

सबसे पहले यहां ज्ञानवापी शब्द जो प्रयोग किया जा रहा है, उसके बारे में जानना जरूरी है ज्ञानवापी संस्कृत का शब्द है, जिसका अगर संधि विच्छेद करें तो ज्ञान+वापी होगा, जिसका अर्थ है ज्ञान प्राप्ति का कुआं। ज्ञानवापी औरंगजेब के आक्रमण से पहले नागर शैली का बना हुआ एक समृद्धशाली मंदिर हुआ करता था। हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है ज्ञानवापी। ज्ञानवापी की अदालती लड़ाई सबसे पहले 15 अगस्त 1937 को शुरू हुई थी। जिसमें कहा गया था कि ज्ञानवापी संकुल में ऐसी नमाज कहीं और नहीं पढ़ी जा सकती।

10 अप्रैल 1942 को उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और अन्य पक्षों की अपील को खारिज कर दिया। साल 1991 में राम रंग शर्मा ने सबसे पहले ज्ञानवापी पर वाराणसी की जिला कोर्ट में हिंदुओं को सौंपने और पूजा पाठ की मांग की अर्जी लगाई। दान बहादुर सिंह इसके अधिवक्ता थे, दान बहादुर के जूनियर अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी जो कि वर्तमान में वाद मित्र बने हुए हैं। यह टाइटल सूट था, साल 1995 में ज्ञानवापी परिसर में पूजा पाठ और ज्ञात और अज्ञात देवी देवताओं के पूजा पाठ का अधिकार मांगा गया था।

तत्कालीन डीएम ने माना था कि ध्वंस मलबे के पास मां श्रृंगार गौरी का मंदिर है

उस समय केस फाइल करने वाले 3 लोग गुजर चुके हैं। 18 मई 1996 में ज्ञानवापी में सर्वे भी हुआ था। सबसे बड़ी बात इस केस का यह है कि उस समय के तत्कालीन जिलाधिकारी ने यह बयान दिया था कि ध्वंस मलबे के पास मां श्रृंगार गौरी का मंदिर है, जिसकी पूजा होती है, ज्ञानवापी केस में जिलाधिकारी के इस बयान से काफी बल मिला। 2022 में जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे कमीशन की कार्यवाही की गई तो सारे साक्ष्य हिंदुओं के फेवर में मिले, जिसके बाद वादिनी महिलाओं की तरफ से ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे को लेकर कोर्ट से मांगी की गई, एक लंबी कानूनी लड़ाई के बंद हाईकोर्ट के आदेश के बाद एएसआई सर्वे शुरु हुआ जो कि आज तक जारी है।

Purushottam Singh Varanasi

Purushottam Singh Varanasi

Next Story