Varanasi News: अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र एवं यूनेस्को एमजीआईईपी के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर

Varanasi News: यूनेस्को एम.जी.आई. ई.पी. एवं अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र संयुक्त रूप से जल्द ही विभिन्न देशों के अध्यापकों को डिजिटल लिटरेसी एवं अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन के ऊपर प्रशिक्षण देंगे।

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Published on: 23 Aug 2024 2:21 PM GMT
Inter-University Teacher Education Center MoU signed between Varanasi and UNESCO MGIEP
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अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र, वाराणसी एवं यूनेस्को एमजीआईईपी के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर: Photo- Newstrack

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के जनपद वाराणसी के अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र एवं यूनेस्को एम.जी.आई. ई.पी. के बीच अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया। यह समझौता इसलिए महत्वपूर्ण है कि अब अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में कार्य करेगा।

विभिन्न देशों के चुने हुए अध्यापकों का होगा प्रशिक्षण

यूनेस्को एम.जी.आई. ई.पी. एवं अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र संयुक्त रूप से जल्द ही विभिन्न देशों के अध्यापकों को डिजिटल लिटरेसी एवं अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन के ऊपर प्रशिक्षण देंगे। जिस प्रशिक्षण में केवल भारत ही नहीं अपितु विभिन्न देशों के चुने हुए अध्यापक प्रशिक्षित किए जाएंगे।


समझौता पत्र पर (जिसकी योजना पद्मश्री प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत, अध्यक्ष, शासी मंडल के द्वारा बनाई गई) हस्ताक्षर करते हुए अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रोफेसर प्रेम नारायण सिंह ने कहा कि आई. यू. सी. टी. ई. अध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में अपने कर्तव्यों के प्रति दृढ़ है तथा उच्च शिक्षा में अध्यापकों को आने वाले समय के लिए तैयार करने हेतु कटिबद्ध है। हम जल्द ही नए कार्यक्रमों की घोषणा करने वाले हैं।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र भी साबित होगा

इसी क्रम में यूनेस्को एम.जी.आई. ई.पी. के निदेशक ओबीजोफर एगीनाम एवं अर्चना चौधरी, राष्ट्रीय समन्वयक, यूनेस्को एम.जी.आई. ई.पी. ने कहा कि हमने अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लिया है तथा हम शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन की घोषणा करेंगे।

यह केंद्र केवल अध्यापक शिक्षा का ही केंद्र नहीं है, अपितु यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र भी साबित होगा। हमें इस केंद्र से अध्यापक शिक्षा के भविष्य को लेकर दृढ़ आशाएं हैं और दोनों ही संस्थाएं एक दूसरे के साथ मिलकर इस कार्य को पूर्ण करेंगे।


उपस्थित रहे

कार्यक्रम का समन्वयन प्रो. आशीष श्रीवास्तव ने तथा सह समन्वयन डॉ. राजा पाठक ने किया। कार्यक्रम में डॉ. कुशाग्री सिंह, डॉ. राज सिंह, डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, डॉ. सुनील त्रिपाठी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. नंदलाल, डॉ अनिल राय, अजय कुमार सहित समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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