TRENDING TAGS :
Varanasi News: अपराधी लाख छुपाए चेहरे, दबोच लेगी तीसरी आंख
Varanasi News: शहर के 720 स्थान पर 3000 कैमरे लगाए गए हैं जो कई चरणों में स्थापित हुए। पहले चरण में गंगा किनारे 80 घाटों और वरुणा रिवर फ्रंट पर कैमरा लगाए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में संवेदनशील स्थानों पर यह व्यवस्था लागू हुई।
Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी नगरी पहले से कहीं अधिक सुरक्षित होने जा रही है। अपराधियों पर अब हर कदम पर तीसरी आंख यानी सीसीटीवी की पैनी नजर रहेगी जिससे अपराधियों का बच निकलना नामुमकिन हो जाएगा। यदि अपराधी ने नकाब या गमछा से चेहरा को ढक लिया है तो भी वह दबोच लिया जाएगा। आंख की रेटिना से कैमरा अपराधी को पहचान लेगा। शहर में 3000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। जिन्हें स्मार्ट सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है इन कैमरे की क्वालिटी इतनी साफ है कि रात के अंधेरे में भी साफ तस्वीर कैद होगी। सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में लगे फेस डिटेक्टर कैमरे अपराधियों की पहचान करने में मदद करेंगे। जैसे ही किसी अपराधी का चेहरा कमरे में कैद होगा कंट्रोल रूम में तुरंत अलर्ट जारी हो जाएगा और पुलिस बीप की आवाज से सतर्क हो जाएगी।
यह स्मार्ट पुलिसिंग व्यवस्था अपराधियों को शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके हाईवे और प्रवेश मार्गों पर हाई पावर कैमरे से ट्रैक करेगी। शहर में अपराधियों की पहचान के लिए देशभर के अपराधियों रेटिना उंगलियों के निशान होलिया के साथ पूरा प्रोफ़ाइल का सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है जिसे स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के सिस्टम में अपलोड किया जाएगा। जैसे ही कोई अपराधी कैमरे के जद में आएगा कंट्रोल रूम में उसकी प्रोफाइल तुरंत सामने आ जाएगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सुरक्षा का विस्तार
यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 128 करोड रुपए की लागत से लागू की गई है। पूरे शहर में हाई स्पीड इंटरनेट के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है ताकि सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके।
स्मार्ट पुलिसिंग की विशेषताएं
शहर के 720 स्थान पर 3000 कैमरे लगाए गए हैं जो कई चरणों में स्थापित हुए। पहले चरण में गंगा किनारे 80 घाटों और वरुणा रिवर फ्रंट पर कैमरा लगाए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में संवेदनशील स्थानों पर यह व्यवस्था लागू हुई। निजी सीसीटीवी कैमरा को भी इस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है जिससे सुरक्षा और भी पुख्ता होगी। इस हाईटेक व्यवस्था के तहत सभी पुलिस अधिकारियों के स्मार्ट फोन में थर्ड आई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होगा जो सिटी कमांड कंट्रोल रूम और स्टेट कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा। यातायात नियमों का उल्लंघन या अपराध करने वाले लोग आसानी से पहचान में आ सकेंगे और घटनास्थल पर पुलिस की तत्काल पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।