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Varanasi News: इजरायल से काशी पहुंचे राहुल ने बताई आपबीती, जमीन पर घिसटते हुए पहुंचे रनवे तक, हॉस्टल के बाहर भी हो रही थी बमबारी
Varanasi News: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कबीर नगर के रहने वाले छात्र राहुल सिंह इजरायल के हिब्रू यूनिवर्सिटी में फार्मेसी में पीएचडी कर रहे थे।
Varanasi News: इजरायल और फिलिस्तीन की जंग पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई है। हमास ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए इजरायल में तबाही मचा दिया है। वहीं इस जंग में दुनिया के अलग-अलग देशों के फंसे हुए छात्र अपने वतन वापसी के लिए सरकारों से गुहार लगा रहे हैं।भारत ने अपने देश के छात्रों को बाहर निकालने लिए स्पेशल ऑपरेशन अजय चलाया है।पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कबीर नगर के रहने वाले छात्र राहुल सिंह इजरायल के हिब्रू यूनिवर्सिटी में फार्मेसी में पीएचडी कर रहे थे। साल 2022 में राहुल सिंह ने एडमिशन लिया था। इजरायल और फिलीस्तीन की अचानक हुई इस जंग में राहुल सिंह भी फंस गए थे । सरकार के प्रयास से रेस्क्यू कर भारत के नागरिकों को बाहर निकाला जा रहा है।
इजरायल में मौत से हुआ सामना-राहुल
राहुल सिंह ने आपबीती बताते हुए कहा कि हमलोगों का दल हिब्रू से तेल अबीब एयरपोर्ट के लिए पहुंचना था।डर और दहशत का वो मंजर जो राहुल ने अपने आंखों से देखा उसके बारे में बताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट की दूरी आधे घंटे की थी लेकिन ये आधे घंटे हमलोगों के जीवन पर संकट था।हमास के आतंकी सड़कों पर तांडव मचा रहे थे।जगह जगह कत्लेआम मचा था।हम सभी लोगों को फोन स्विच ऑफ करने के लिए कहा गया बीच-बीच में धमाके और सायरन की आवाज सुनाई दे रही थी।जैसे ही हम अबईव एयरपोर्ट पहुंचे अचानक एयरपोर्ट पर सायरन बजने लगा।सायरन बजते ही हम जमीन पर लेट गए और जमीन पर रेंगते हुए सेफ जगह की तलाश में जुट गए। 200 मीटर तक हम जमीन पर रेंगते हुए शेल्टर होम पहुंचे। इजराइली सेना ने हमें तत्काल रनवे तक पहुंचाया। रनवे पर फ्लाइट से आनन फानन में 200 भारतीयों को रवाना किया गया। हवा में उड़ने के बाद हमने चैन की सांस ली।
हिब्रू यूनिवर्सिटी के हास्टल में फंसे थे राहुल
साल 2022 में इजरायल के हिब्रू यूनिवर्सिटी में पीएचडी में दाखिला लिया था।अभी एडमिशन लिए एक साल हुआ था कि तभी जंग छिड़ गया।जंग के कारण हमारी पढ़ाई छूट जाएगी। हमारे सामने इजरायल से भारत लौटना सबसे बड़ी चुनौती थी। पीएम मोदी के प्रयास से ही यह संभव हो सका अन्यथा इजरायल का जो भयावह माहौल है उसको देखकर हमने सारी उम्मीदें छोड़ दी थी। जितना भारत सरकार ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए जितना किया है उतना किसी ने नहीं किया। 7 अक्टूबर को हमारी फ्लाइट यरुशलम से भारत की थी लेकिन युद्ध के कारण फ्लाइट कैंसिल हो गई। हिब्रू यूनिवर्सिटी के बाहर लगा सायरन जब बजा तो सारे क्षेत्र में दहशत फ़ैल गया हमें यह पता नहीं था कि मिसाइल कहां गिरेगी। डर और दहशत के मारे सारे छात्रों का बुरा हाल था। हास्टल के बाहर बमबारी शुरू हो गई कुछ देर बाद चारों तरफ धुएं का गुब्बार ही दिख रहा था ।
पीएमओ के प्रयास से लौटा भारत
राहुल ने बताया कि वीकेंड के दिन कैजुअल्टी हुई जिसके बाद हॉस्टल में एनाउंसमेंट किया कि कोई भी हॉस्टल से बाहर ना निकले। जिसके बाद हमलोगों ने पीएमओ से गुहार लगाई हमने PMO में लगाई गुहार, मिनटों में हुई सुनवाई
राहुल के बड़े भाई आशुतोष सिंह ने कहा कि 7 अक्टूबर को हम लोग तो इंतजार कर रहे थे। लेकिन इन्होंने मैसेज कर दिया कि फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है। 9 अक्टूबर को राहुल से संपर्क भी टूट गया। इसके बाद पिताजी के साथ मैं वाराणसी के PMO ऑफिस पहुंचा। हमारे एप्लीकेशन पर तत्काल विचार करके विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया।
इसके बाद हमें पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया गया और इसके बाद आगे का स्टेटस भी अपडेट किया जा रहा था। PMO कार्यालय ने बहुत तेजी से काम किया। गाजा स्ट्रिप के बॉर्डर वाले इलाकों में फंसे लोगों को सबसे पहले निकाला गया। आशुतोष ने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं कि बिना किसी अफसरशाही और बात-बतंगड़ के हमारा काम तेजी से संपन्न हो गया।