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Varanasi: कांग्रेस MP रणदीप सिंह सुरजेवाला की मुश्किलें बढ़ी, 23 साल पुराने संवासिनी प्रकरण में गैर जमानती वारंट जारी

Randeep Singh Surjewala: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ ये मामला 23 साल पुराना है। इसे साल 2000 के बहुचर्चित संवासिनी प्रकरण के नाम से भी जाता है। तब सुरजेवाला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे।

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Published on: 7 Nov 2023 5:02 PM IST (Updated on: 7 Nov 2023 5:21 PM IST)
Randeep Singh Surjewala
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Randeep Singh Surjewala (Photo - Social Media)

Randeep Singh Surjewala News: वाराणसी से बड़ी खबर आ रही है। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अवनीश गौतम की कोर्ट ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) के खिलाफ आरोप तय करने के मुद्दे पर मंगलवार (07 नवंबर) को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कांग्रेस प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।

कांग्रेस सांसद के खिलाफ जिस मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुआ है, वो 23 साल पुराना है। साल 2000 के बहुचर्चित संवासिनी प्रकरण में युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला पर तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। इसी केस में आज कोर्ट ने फैसला दिया है।

दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र

एमपी/एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। साथ ही, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) को पत्र लिखकर 21 नवंबर को उपस्थिति सुनिश्चित कराने को भी कहा है। अभियोजन (Prosecution) की तरफ से एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने अपना पक्ष रखा।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, केस करें जल्द निस्तारित

कोर्ट ने कहा, '23 साल पुराने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर त्वरित निस्तारित करना है। आरोपी के खिलाफ कई तारीखों से गैर वारंट जारी हैं फिर भी वो हाजिर नहीं हो रहा।' इस बहुचर्चित संवासिनी प्रकरण में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप उस वक़्त के कांग्रेस युवा अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर लगा था। इसी मामले में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ आरोप तय होना होना है।

क्या था संवासिनी प्रकरण?

साल 2000 में वाराणसी के अखबारों की सुर्खियां बना था, संवासिनी प्रकरण। पूर्व तेज तर्रार आईएएस अफसर और वाराणसी के तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट कैप्टन आर विक्रम (Captain R Vikram) ने मीडिया को बताया कि, उस समय का ये बड़ा कांड था। क्योंकि, एक लड़की ने पुलिस को इस बात की सूचना दी थी कि संवासिनी गृह की लड़कियों से अनैतिक देह व्यापार (Prostitution) कराया जाता है। उन्हें संवासिनी गृह से बाहर भी भेजा जाता है। इसी को लेकर कांग्रेस सड़क पर उतरी थी और हल्ला बोला था।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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