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नसबंदी में महिलाओं ने दिखाई जागरूकता, पुरुषों के ठिठके कदम

Rishi
Published on: 21 Nov 2017 4:42 AM IST
नसबंदी में महिलाओं ने दिखाई जागरूकता, पुरुषों के ठिठके कदम
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बहराइच : जिले में जनसंख्या नियंत्रण की जिम्मेदारी सिर्फ आधी आबादी निभा रही है। वहीं पुरुष संकोचवश या अनचाहे डर के कारण न के बराबर आगे आए हैं। तीन साल में 8 हजार 384 महिलाओ ने नसबंदी कराई है। जबकि पुरुषों का आंकड़ा महज 58 का है। इस पर डीएम अजयदीप सिंह ने कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रदेश के औसत आंकड़े की पूर्ति करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में 21 नवंबर से चार दिसंबर तक पुरूष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाएगा।

जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने खंड विकास अधिकारियों को इस अभियान में ग्राम प्रधानों का सहयोग लेने का निर्देश दिया है। कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत से दो पुरुषों की नसबन्दी के केस अवश्य होना चाहिये। सभी ब्लाकों पर 21 से 27 नवंबर के बीच ग्राम प्रधानों की बैठकें आयोजित कर उन्हें प्रेरित किया जाए। कहा कि प्रत्येक लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन हजार तथा प्रेरक को चार सौ रुपये मिलेंगे।

इस मौके पर सीएमओ डा. एके पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में जहां प्रत्येक 60 महिला नसबंदी पर एक पुरूष की नसबंदी होती है, वहीं जिले का अनुपात 80 महिला पर एक पुरूष का है। बताया कि वर्ष 2014-15 में 2126 महिला नसबंदी पर दो पुरूष, वर्ष 2015-16 में 2384 महिला नसबंदी पर सात पुरूष तथा वर्ष 2016-17 अन्तर्गत 3884 महिला नसबंदी पर 49 पुरूषों की नसबंदी हुई है। इस अवसर पर जिला परिवार नियोजन विषेशज्ञ कमलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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