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पत्रकारिता के स्तम्भ दादा पी के राय नहीं रहे, मुम्बई के अस्पताल में ली अंतिम सांस

दादा पी के राय का जन्म अविभाजित भारत के बंगाल में हुआ था। उनका जन्म स्थान विभाजन के बाद बंगलादेश में चला गया।  लेकिन उनकी शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश में  ही हुई थी।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 16 April 2022 7:12 PM IST
Veteran Journalist PK Rai Passes away
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Veteran Journalist PK Rai Passes away

Lucknow: पत्रकारिता के स्तम्भ कहे जाने वाले देश के जाने माने पत्रकार और दादा के नाम से प्रसिद्ध पी के राय का आज मुंबई में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वे कई माह से बीमार थे और मुम्बई में बेटे के साथ रहकर स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे। दादा पी.के राय के परिवार में एक बेटा एक बेटी है। दादा की पत्नी का निधन लगभग पांच वर्ष पूर्व हो गया था।

दादा पी के राय का जन्म अविभाजित भारत के बंगाल में हुआ था। उनका जन्म स्थान विभाजन के बाद बंगलादेश में चला गया। लेकिन उनकी शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश में ही हुई थी। प्रारम्भिक शिक्षा उन्होंने लखीमपुर खीरी में ली। यहां उनके पिता रेलवे में अधिकारी के पद पर तैनात थे।इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए वह लखनऊ आये । शिक्षा के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। संघ द्वारा हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी की स्थापना के समय वे इससे जुड़े और कई स्थानों पर संवाददाता रहे।

हिन्दुस्थान समाचार में उन्हें नेपाल, पूर्वोत्तर के राज्यों में भी नियुक्त किया गया। तदुपरान्त वे उत्तर प्रदेश लौट आये और यहां प्रतिष्ठित अंग्रेजी समाचार पत्र द हिन्दू के संवाददाता बने। वे कई दशक तक हिन्दू के उत्तर प्रदेश में विशेष संवाददाता रहे। यहीं से सेवानिवृत् हुए। हिन्दू के संवाददाता रहते हुए दादा ने अयोध्या आंदोलन की महत्वपूर्ण कवरेज की। जिससे उन्हें देश भर मे विशेष पहचान मिली।

दादा पी.के.राय ने पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकार संगठनों की स्थापना और उनके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इण्डिया के संस्थापक सदस्य थे। बाद में इस संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। एनयूजे की राज्य शाखा उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ( उपजा ) के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे।

उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों में भी योगदान दिया। वे संस्कार भारती अवध प्रांत के भी अध्यक्ष रहे। दादा पत्रकार संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों में भी सक्रिय रहते थे। उन्होंने बंगला भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भी राजधानी में बहुत कार्य किया। वे बंगला भाषा प्रसार समिति के भी अध्यक्ष रहे। इस समिति के तत्वावधान में उहोंने ही पौष मेला की परंपरा प्रारम्भ की थी। एनयूजेय समेत कई पत्रकार संगठनों ने दादा पीके राय के निधन पर शोक जताया है। अत्यधिक मिलनसार दादा पीके राय के निधन से राजधानी के पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके शुभचिन्तकों, मित्रों, पत्रकारों ने दादा को भावभीना श्रद्धांजलि अर्पित की है।



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Rakesh Mishra

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