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Jhansi News: कलाकार परिस्थिति को स्वयं के अंदर उतार लेता है- कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय

Jhansi News: कुलपति पाण्डेय ने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में कला के प्रोत्साहन के लिए 27वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर बुन्देली कला वीथिका के अंतर्गत बुन्देली कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

B.K Kushwaha
Published on: 2 Feb 2023 6:11 PM IST
Jhansi News
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Jhansi News (Newstrack)

Jhansi News: कलाकार की यह विशेषता होती है कि वह समय काल और परिस्थिति को अपने अंदर उतार लेता है और उसी के अनुरूप प्रस्तुत करता है। अमृता शेरगिल के चित्रों में जो रंग और उदासी दिखाई देती है वह उस समय की परिस्थिति के अनुरूप है। यह विचार आज सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी द्वारा आयोजित कला अमृत चित्रकला प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने कहा। कुलपति पाण्डेय ने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में कला के प्रोत्साहन के लिए 27वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर बुन्देली कला वीथिका के अंतर्गत बुन्देली कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि विद्यार्थी अपनी कलाकृतियों को स्टेडियम या गाँधी सभागार में प्रदर्शित कर सकते हैं जिससे जन सामान्य तक उनकी पहुंच हो सके।

मनोविकारों का दूर करने में कला निभाती है महत्वपूर्ण भूमिका - डॉ.चौबे

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंडलीय परियोजना प्रबंधन एजेंसी झांसी के डॉ. आनंद चौबे ने कहा कि मनोविकारों को दूर करने में कला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रंगों का उपयोग करके कई बीमारियों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. चौबे ने कहा कि रंग केवल सुंदर दिखने के लिए नहीं होता है। यह हमारे मन को खुशी देता है, सोचने के लिए आत्म देता है। इसलिए रंगों का उपयोग बहुत गंभीरता से करना चाहिए जिससे समाज को एक नई दिशा मिल सके। अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. मुन्ना तिवारी ने विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि जहां कला होती है वहां समृद्धि होती। कला मन को खुशी देती है और यह खुशी हमें फिर हर क्षेत्र में सफलता के राह को आसान करती है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि अमृता शेरगिल ने समय, समाज और जन जीवन को बहुत ही बेबाकी से उकेरा है। उनकी कृतियों में उस समय की झलक दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि कलाकार समय को समय से परे जा जाकर देखता है और उसे जीता है। उसके बाद अपनी कला के माध्यम से प्रस्तुत करता है।

इतने वर्षों से आयोजित हो रही हैं अमृता शेरगिल की जयंती

परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर ने कहा कि कला के बिना जीवन अधूरा है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि कला से विहीन व्यक्ति पशु के समान है। कला ही है जो किसी जीव को इंसान बनाती है। कला अमृत कला प्रदर्शनी की संयोजिका डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि पिछले सात वर्षों से प्रति वर्ष अमृता शेरगिल की जयंती पर कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष इस कला प्रदर्शनी का आयोजन सृजन दी ड्राइंग एंड पेंटिंग क्लब के बैनर तले किया गया है। यह कला प्रदर्शनी ललित कला संस्थान के स्नातक तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित की गई है। कला प्रदर्शनी में नृत्य नाटिका, गीत, नृत्य एवं अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का संचालन सबद खलादी और मेघना सचान ने तथा आभार सृजन क्लब के सह संयोजक डॉ. उमेश कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर विभाग समन्वयक डॉ. सुनीता, डॉ. अजय गुप्ता, दिलीप कुमार, मीडिया लैब से गोविंद यादव, डॉ. अतुल गोयल, डॉ. शुभांगी निगम, रश्मि, श्रृष्टि, निकेता, शिवम्, नंदनी, रौनक, स्पर्श, ऋषि, गजानन, विशाल, गजेन्द्र, मेघा, पार्थ, मोहित, यश एवं अन्य उपस्थित रहे।



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Durgesh Sharma

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