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पीड़िता ने की कुछ ऐसे अपनी फरियाद , तब जा कर मिला उसे न्याय
प्रदेश में योगी सरकार में भी लोगों को जमीन पर बैठ पैरों में गिड़गिड़ाने के बाद न्याय मिलता है। इसकी बानगी आज मथुरा में उस समय देखने को मिली जब जनपद के नोडल अधिकारी और प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद थाना हाईवे का निरीक्षण करने पहुँचे और एक पीड़िता उनकर सामने ही जमीन पर गिर रोती बिलखती रही और प्रमुख सचिव साहब पीड़िता की फरियाद को सुनते रहे।
मथुरा: प्रदेश में योगी सरकार में भी लोगों को जमीन पर बैठ पैरों में गिड़गिड़ाने के बाद न्याय मिलता है। इसकी बानगी आज मथुरा में उस समय देखने को मिली जब जनपद के नोडल अधिकारी और प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद थाना हाईवे का निरीक्षण करने पहुँचे और एक पीड़िता उनकर सामने ही जमीन पर गिर रोती बिलखती रही और प्रमुख सचिव साहब पीड़िता की फरियाद को सुनते रहे।
हैरान करने वाली बात तो यह रही कि पीड़िता काफी देर तक जमीन पर बैठ रोती बिलखती रही और न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन मौके पर मौजूद किसी भी अधिकारी और न कर्मचारी ने पीड़िता को उठाने का प्रयास किया। पीड़िता के दर्द को सुन अमित मोहन प्रसाद आगे बढ़ गए और बाद में पुलिस ने पीड़िता के पति को छोड़ा। इन तस्वीरों को देख कर लगता है कि प्रदेश में आज भी न्याय पैरों में पड़ने से मिलता है। न कि कानून के हिसाब से।
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मथुरा के थाना हाईवे में प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद के पैरों में पड़ न्याय की गुहार लगा रही यह महिला ग्राम गणेशरा निवासी नेत्रपाल की पत्नी। इस पत्नी का आरोप है कि हाईवे पुलिस ने इसके पति को दो दिन से थाने में अबैध हिरासत में बैठा रखा है जबकि उसका पति निर्दोष है। वह दो दिन से अधिकारियों के चक्कर लगा रही है और उसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।
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दरअसल थाना हाईवे पुलिस ने बुधवार को ग्राम गणेशरा से नोट दुगना करने वाले गैंग के 4 सदस्य गिरफ्तार किए थे और उनके दो साथी भाग जाने में सफल रहे थे। पुलिस ने नेत्रपाल को भी हिरासत में लिया था और पूछताछ कर रही थी। गैंग के सदस्यों को पुलिस ने कल बुधवार को जेल भेज दिया था लेकिन नेत्रपाल को नहीं छोड़ा। पीड़िता लगातार थाने और अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते थक गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, इसी से व्यथित नेत्रपाल की पत्नी ने आज प्रमुख सचिव कृषि के निरीक्षण में पैरों में गिर अर्जी लगाई और कुछ ही देर में उसका पति नेत्रपाल बाहर आ गया। अधिकारियों ने आनन फानन में नेत्रपाल को छोड़ दिया।
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