विधानसभा के सामने दरोगा ने खुद को उड़ाया, सीएम योगी से कहा— मेरे बच्चों का ख्याल रखना

राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने आज एक दरोगा ने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। घायल दरोगा को आनन—फानन में सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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Published on: 4 March 2021 11:39 AM GMT
विधानसभा के सामने दरोगा ने खुद को उड़ाया, सीएम योगी से कहा— मेरे बच्चों का ख्याल रखना
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inspector shot himself

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने आज एक दरोगा ने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। घायल दरोगा को आनन—फानन में सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना आज दोपहर की है। घटना की जानकारी होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। लेकिन दरोगा के आत्हत्या के बारे में अभी तक कोई कुछ बोल नहीं रहा है। बताया जा रहा है दरोगा की जेब से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा था कि बीमारी से मैं तंग आ चुका हूं। अब मैं सुसाइड कर रहा हूं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी मेरे बच्चों का ख्याल रखना।

ठीक नहीं थी दिमागी हालत

जानकारी के मुताबिक एसआई निर्मल कुमार चौबे के तैनाती बंथरा थाने में थी। बताया जा रहा है वह काफी दिनों से बीमार थे, जिसके चलते उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। वाराणसी के मूल निवासी निर्मल कुमार का चिनहट में मकान है। विधानसभा सत्र के आज आखिरी दिन सचिवलाय गेट नंबर—7 के सामने स्टॉफ के लिए बने पार्किंग में दरोगा निर्मल कुमार चौबे ने अपने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। अचानक गोली की आवाज सुनते यहां तैनात सुरक्षाकर्मी चौकन्ने हो गए। जख्मी हालत में एसआई निर्मल कुमार को जमीन पर पड़ा देख सबको पूरा माजरा समझ में आ गया है। दरोगा को आनन—फानन में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं सूचना मिलते ही घायल दरोगा का हाल जानने जेसीपी लॉ एंड आर्डर नवीन अरोरा अस्पताल पहुंच गए। लेकिन तब तक डॉक्टरों की टीम ने दरोगा को मृत घोषित कर दिया था।



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दरोगा की आत्महत्या पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जहां यह जानकारी निकल कर आ रही है कि बीमारी के चलते दरोगा की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि दरोगा ने आत्महत्या के लिए विधानसभा को ही क्यों चुना। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस महकमे में भी आत्महत्या की घटना का लेकर तरह—तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन इसमें खुलकर बोलने से हर कोई कतरा रहा है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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