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Lucknow News: विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति का निजीकरण के खिलाफ रोष: 3 मार्च को विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने दोबारा अपनी प्रमुख मांग उठाते हुए कहा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला तत्काल रद्द किया जाए।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow News: उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण को लेकर ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने के विरोध में 3 मार्च को प्रांत भर में जोरदार विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संघर्ष समिति ने यह कदम तब उठाया है जब पावर कारपोरेशन द्वारा निजीकरण की प्रक्रिया के तहत बीड खोलने की योजना बनाई गई है। इसके विरोध में समिति के पदाधिकारियों ने आज अवकाश के दिन कर्मचारियों के बीच व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने दोबारा अपनी प्रमुख मांग उठाते हुए कहा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का फैसला तत्काल रद्द किया जाए। इसके अलावा संयुक्त संघर्ष समिति ने यह भी अपील किया कि 5 अप्रैल 2018 और 6 अक्टूबर 2020 के समझौतों का सम्मान करते हुए कर्मचारियों को विश्वास में लेकर विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार की दिशा में कार्य किया जाए।
समझौते के उल्लंघन का आरोप
संघर्ष समिति ने निजीकरण के निर्णय को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से हुए समझौतों का उल्लंघन करार दिया है। समिति का कहना है कि निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से गैर कानूनी है, क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 131 का पालन नहीं किया गया है। इस धारा के अनुसार, सरकारी बिजली कंपनियों के निजीकरण से पहले उनका रेवेन्यू पोटेंशियल और परिसंपत्तियों की फेयर वैल्यू का मूल्यांकन करना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया है।
कंसल्टेंट की नियुक्ति में पारदर्शिता की कमी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए आयोजित बीडिंग प्रक्रिया में केवल दो कंपनियों ने ही अपनी बोली लगाई है। समिति ने पावर कारपोरेशन से इन कंपनियों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की है। साथ ही यह जानने की कोशिश की है कि क्या इन कंपनियों के बीच कोई कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है या नहीं। समिति का कहना है कि तीन से कम कंपनियों की बोली आने के कारण पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देना चाहिए।
3 मार्च को लखनऊ में होगा विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि अगर 3 मार्च को ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है, तो समिति इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगी। लखनऊ में स्थित समस्त कार्यालयों के बिजलीकर्मी शक्ति भवन मुख्यालय पर मध्याह्न 12 बजे से विरोध प्रदर्शन करेंगे।