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विकास दुबे: प्रियंका गांधी की मांग के उलट, योगी सरकार ने किया काम
प्रियंका गांधी ने वीडियो जारीकर सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग की थी। लेकिन योगी सरकार ने इसके उलट सेवानिवृति जज से जांच का आदेश कर दिया है।
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिए एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा। सेवानिवृति न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में यह जांच आयोग बीती 02 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुए हत्याकांड और 10 जुलाई को विकास दुबे के एनकाउंटर तक की सभी मुठभेड़ों व घटनाओं की जांच करेगा। जांच आयोग की अधिसूचना जारी कर दी गई है और जांच आयोग को दो माह में अपनी अपनी जांच पूरी करनी होगी।
एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि विकास दुबे तथा उसके साथियों के द्वारा बीती 02 जुलाई तथा 10 जुलाई की घटना और इस अवधि के दौरान इस प्रकरण से सम्बन्धित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के मध्य हुई मुठभेड़ के सम्बन्ध में जांच करना आवश्यक है। अतः राज्य सरकार ने रविवार को जारी अधिसूचना के माध्यम से जांच आयोग अधिनियम 1952 (अधिनियम संख्या 60 सन् 1952) की धारा-3 के तहत सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है। इस आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा।
मुुठभेड़ की भी गहनतापूर्वक जांच
प्रवक्ता ने बताया कि आयोग विकास दुबे तथा उसके सहयोगियों के द्वारा दिनांक 02-03 जुलाई की रात्रि में की गई घटना, जिसमें 08 पुलिस कर्मियों की हत्या हुई थी तथा अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे, की गहनतापूर्वक जांच करेगा। इसके साथ ही आयोग 10 जुलाई को पुलिस और विकास दुबे के मध्य हुई मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा। इसके अलावा आयोग 02-03 जुलाई तथा 10 जुलाई के बीच पुलिस और इस मामलें से सम्बन्धित अपराधियों के बीच हुई हर मुुठभेड़ की भी गहनतापूर्वक जांच करेगा। आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस तथ अन्य विभागों व व्यक्तियों से दुरभिसन्धि के सम्बन्ध में गहनतापूर्वक जांच करेगा और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा।
सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग
प्रवक्ता ने कहा कि इन बिन्दुओं से सम्बन्धित किसी अन्य पहलू का भी गहनता से परीक्षण करेगा। इसके अलावा आयोग राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों पर अन्य बिन्दुओं की भी जांच करेगा। प्रवक्ता ने बताया कि यह आयोग अधिसूचना जारी किए जाने की तिथि से दो माह की अवधि के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेगा। इसकी अवधि में किसी प्रकार का परिर्वतन सरकार के आदेश से किया जाएगा। उल्लेखनीय है इस मामले पर विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से जांच की मांग की थी। प्रियंका गांधी ने वीडियो जारीकर सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग की थी। लेकिन योगी सरकार ने इसके उलट सेवानिवृति जज से जांच का आदेश कर दिया है।