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आठ पुलिस वालों की हत्या से लेकर विकास दुबे की गिरफ्तारी तक, जानें पूरा घटनाक्रम

कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

Newstrack
Published on: 9 July 2020 11:36 AM IST
आठ पुलिस वालों की हत्या से लेकर विकास दुबे की गिरफ्तारी तक, जानें पूरा घटनाक्रम
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लखनऊ: कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

बताया जा रहा है मंदिर के पुजारी ने पुलिस को बुलाकर विकास के बारें में बताया तब जाकर उसे गिरफ्तारी हो पाई।

सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा और सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर विकास दुबे ने मंदिर के सामने अपना नाम चिल्लाया।

जिसके बाद स्थानीय पुलिस महाकालेश्वर मंदिर के सामने पहुंची और विकास दुबे को गिरफ्तार किया जा सका।

कानपुर केस: घटना के दिन से अब तक क्या-क्या हुआ

कानपुर में विकास के गांव के ही रहने वाले राहुल तिवारी नाम के युवक ने विकास के खिलाफ धमकी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

-2 जुलाई, दिन गुरुवार की रात 12 बजे शिवराजपुर, बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली थाने के 35 पुलिसकर्मियों ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी अपराधी विकास दुबे के घर रेड मारने गई थी।

-पुलिस कार्रवाई के साढ़े पांच घंटे पहले ही विकास दुबे को इस बात की पुख्ता सूचना मिल गई कि 35 पुलिसकर्मी रेड करने के लिए उसके घर पर आ रहे हैं।

-विकास ने घर के बाहर जेसीबी खड़ा करवा कर रास्ता बंद कर दिया, ताकि पुलिस वाले भाग न पाए। अपने साथियों को पहले ही हथियारों के साथ अपने घर पर बुला लिया।

- पुलिस के आने से पहले ही पुलिस विभाग में विकास के लिए मुखबिरी कर रहे पुलिस कर्मियों ने सबस्टेशन फोन कर लाइन टूट जाने की फर्जी सूचना देकर बिकरू गांव की बिजली कटवा दी।

-पुलिस रात करीब 1.30 पर विकास के आवास पर पहुंची। पुलिस को देख उसके गर्गों ने लगभग सौ राउंड फायरिंग की। दोनों तरफ से खूब गोलियां चली, लेकिन सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों का मर्डर करने के बाद विकास और उसके साथी भाग निकले। पूरी रात सर्च आपरेशन चला। लेकिन पुलिस के हाथ कोई अपराधी नहीं आया।

तीन जुलाई :

- इसके अगले दिन डीजीपी के निर्देश पर एसटीएफ के तेज तर्रार जवानों की मौजूदगी में पुलिस ने आपरेशन तेज किया। बिकरू से 10 किलोमीटर दूर हुई मुठभेड़ में विकास दुबे के दो सहयोगी मार गिराए गए।

- एडीजी ला एंड आडर, डीजीपी दोपहर 12 बजे के विकास दुबे के गांव आसपा बिकरू पहुंचे।

- साठ से अधिक पुलिस की टीमें, 1500 से अधिक जवान, क्राइम ब्रांच की कई टीमें अपराधियों की तलाश में जुटी। विकास दुबे के लिए काम करने के आरोप में चौबेपुर थाने के इस्पेक्टर विनय तिवारी को निलम्बित कर दिया गया।

-खुद सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर पहुंचे और शहीद के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की।

चार जुलाई :

-अगले दिन आई जी मोहित अग्रवाल का ये बयान आया कि सूचना थी कि विकास ने अपने घरों की दीवारों में हथियार चुनवाकर छिपाए हैं, इसलिए पुलिस विकास तिवारी के घर पर बुलडोजर चलवा रही है। उसकी गाड़ियों को तोड़ा जा रहा है। पूरी रात सर्च आपरेशन चला।

पांच जुलाई :

- विकास का नौकर और शार्प शूटर कल्लू शहर से भागने की कोशिश में था तभी कल्याणपुर में मुढभेड़ के बाद धर दबोचा। - विकास के घर में तलाशी में मिले तयखाने में पुलिस की विस्फोटकर सामग्री और कई हथियार मिले।

छह जुलाई :

-उधर, डीजीपी ने आईजी मोहित अग्रवाल की सिफारिश पर विकास की इनामी राशि ढाई लाख कर दी। -पुलिस ने कल्लू की पत्नी समेत हमले में मदद करने वाले विकास के साढ़ू समेत तीन लोगों को किया गिरफ्तार।

सात जुलाई :

- चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।

- पुलिस विकास के 15 साथियों का पोस्टर जारी करती है।

- देर रात पुलिस को हरियाणा के फरीदपुर के एक होटल में विकास दुबे की लोकेशन मिलती है।

- पुलिस के पहुंचने से पहले ही विकास वहां से फरार ।

- इस मामले में विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप में तत्कालीन डीआईजी अनंत देव का एसटीएफ डीआईजी के पद से तबादला कर दिया जाता है।

आठ जुलाई :

- विकास दुबे पर ढ़ाई लाख से इनाम बढ़ा कर पांच लाख किया जाता है। - सुबह विकास का सबसे करीबी अमर दुबे को पुलिस हमीरपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराती है।

- इसके बाद विकास दुबे का एक और साथी श्यामू बाजपेई को चौबेपुर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद किया गिरफ्तार। श्यामू बाजपेई पर है 25000 का इनाम।

नौ जुलाई

- उधर सुबह में कानपुर में विकास का साथी प्रभात और इटावा में प्रवीण एनकाउंटर में मारे जाते हैं और उज्जैन में विकास दुबे गिरफ्तार कर लिया जाता है।

उज्जैन मंदिर के बाहर गिरफ्तारी सोची समझी रणनीति तो नहीं?

सूत्र बता रहे हैं कि विकास एक शातिर अपराधी है। उसने बहुत सोच –समझकर ही उज्जैन मंदिर के बाहर गिरफ्तारी दी है। उसने चिल्लाकर खुद पुलिस को बताया कि मैं ही विकास दुबे हूं कानपुर वाला।

जानकार बता रहे हैं कि विकास दुबे को एनकाउंटर का डर था, ये बात उसे पहले से ही पता थी कि उज्जैन मंदिर के बाहर भारी फ़ोर्स तैनात रहती है।

ऐसे में यहां गिरफ्तारी देने पर पुलिस उसका एनकाउन्टर नहीं कर पायेगी। क्योंकि यहां पर हर वक्त लोगों की भारी भीड़ रहती है, ऐसे में पुलिस के लिए उसका यहां पर एनकाउंटर करना आसान नहीं होगा, दूसरी बात उसने चिल्लाकर इसलिए बताया कि मैं ही विकास दुबे हूं।

उसके पीछे वजह ये है कि लोगों को पता चल सके कि उसने खुद सरेंडर किया है।

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