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Agra News: प्राथमिक विद्यालय के कमरों में ग्रामीणों ने भरा फसल अनाज, उपजिलाधिकारी से की शिकायत

Agra News: कई दिनों से स्कूल में मक्के की फसल सूखने को कमरों मे भरी पड़ी है और शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से कोई फर्क नही पड़ा।

Rahul Singh
Published on: 9 July 2022 5:18 PM GMT
Villagers filled crop grain in the rooms of primary school in Agra, complained to the sub-district magistrate
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आगरा: प्राथमिक विद्यालय के कमरों में ग्रामीणों ने भरा फसल अनाज

Agra News: आगरा जनपद के पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र (Pinhat Block Area) में शिक्षा विभाग (education Department) की घोर लापरवाही देखिये जो विद्यालय बच्चों के पढ़ने के लिये बने हैं। जिनकी इमारत के निर्माण में सरकार ने लाखों रुपये खर्च किये हैं। विद्यालय में तैनात शिक्षक बच्चों के पढ़ाई के नाम पर सरकार से हर माह वेतन ले रहे हैं। उन्ही विद्यालय में बच्चों के पढ़ाने को नहीं पहुंच रहे हैं। बच्चों के पढ़ने की जगह विद्यालय में किसान अपनी फसलों को रख रहे हैं। मामले की शिकायत ग्रामीणों द्वारा उप जिलाधिकारी बाह रतन वर्मा से शिकायती पत्र देकर की गयी है।

यह है पूरा मामला

आगरा जनपद के ब्लाक पिनाहट की ग्राम पंचायत उमरैठा के उप गांव रघुवीर पुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय तैनात शिक्षक विद्यालय के बच्चों को कभी कबार ही पढ़ाने पहुंचते हैं। मगर विद्यालय बंद होने के कारण और शिक्षक नहीं पहुंचने के चलते कुछ ग्रामीण लोगों ने विद्यालय को अपने रखरखाव के लिए जरूर इस्तेमाल कर रहे। ग्रामीणों ने विद्यालय में अपनी मक्का की फसल स्कूल के सभी कमरों में भर दी। जिससे स्कूल में पठन पाठन का काम अपने आप ही बंद पड़ा हुआ है।


गांव के निवासी शैलेश ने उपजिलाधिकारी बाह रतन वर्मा से शनिवार को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की गई है। और आरोप लगाया है कि गांव के ही महेन्द्र सिह,पप्पू,दिलीप ने अपनी मक्का की फसल को सरकारी स्कूल के सभी कमरों में फैलाकर भर दिया है। जिससे स्कूल में बच्चो की पढ़ाई का काम बंद पड़ा है। वहीं शिक्षक इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।


स्कूल में सूख रही मक्के की फसल

कई दिनों से स्कूल में मक्के की फसल सूखने को कमरों मे भरी पड़ी है और शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से कोई फर्क नही पड़ा। ग्रामीणों की माने तो स्कूल का प्रधानाध्यापक और शिक्षक शिक्षिकाएं कभी कबार ही स्कूल पहुंचते हैं बाकी दिनों में स्कूल बंद पड़ा रहता है। जिसके कारण ग्रामीणों ने उसे अपना भंडारण स्थान बना लिया है। वहीं शिक्षकों की लापरवाही के चलते गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में है।


स्कूल में मिड डे मील बनता ही नहीं

वहीं ग्रामीणों की माने तो स्कूल में मिड डे मील बनता ही नहीं जिसका पूरा खाका कागजों में ही शिक्षक तैयार कर देते हैं। देखा जाए तो शिक्षा विभाग की यह लापरवाही बड़ी सामने आई है। ग्रामीणो में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं स्कूल परिसर से ग्रामीणों के अनाज फसल को उठाए जाने की मांग की है।

Shashi kant gautam

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