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ढोल-नगाड़ों के साथ हजारों ग्रामीणों ने दी भव्य विदाई, एसओ की आंखें हुई नम

थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के लोकप्रिय और ईमानदार अधिकारी थे। वह सभी की समस्याओं को सुनते थे और समाधान करते थे। अपराधियों के अंदर खौफ भरने वाले अधिकारियों में उनकी गिनती थी। लूट और चोरी, हत्या जैसे वारदातों पर नकेल कस दी थी। इसके साथ ही पुरानी घटनाओं को बड़ी ही दिलेरी के साथ वर्क आउट किया था। गांव के बुजुर्ग उनको अपना मसीहा और लड़कियां और महिलाएं भाई मानती थी।

priyankajoshi
Published on: 7 Nov 2016 6:35 PM GMT
ढोल-नगाड़ों के साथ हजारों ग्रामीणों ने दी भव्य विदाई, एसओ की आंखें हुई नम
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कानपुर : कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद थाने में तैनात एसओ प्रभात सिंह की विदाई ग्रामीणों ने सोमवार को बड़ी धूमधाम से की। एसओ का पिछले हफ्ते ट्रांसफर हो गया था। इस थानाध्यक्ष की ऐसी विदाई के वक्त ग्रामीणों की आंखे भरी थी।

काफी लोकप्रिय रहे

-थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र के लोकप्रिय और ईमानदार अधिकारी थे।

-वह सभी की समस्याओं को सुनते थे और समाधान करते थे।

-अपराधियों के अंदर खौफ भरने वाले अधिकारियों में उनकी गिनती थी।

-लूट और चोरी, हत्या जैसे वारदातों पर नकेल कस दी थी।

-इसके साथ ही पुरानी घटनाओं को बड़ी ही दिलेरी के साथ वर्क आउट किया था।

-गांव के बुजुर्ग उनको अपना मसीहा और लड़कियां और महिलाएं भाई मानती थी।

विदाई समारोह को बनाया यादगार

-रसूलाबाद थानाध्यक्ष प्रभात सिंह का पिछले हफ्ते ट्रांसफर हो गया और स्थान पर फाजिल सिद्दकी इंस्पेक्टर आए है।

-सोमवार को प्रभात सिंह का विदाई समारोह इस कदर हुआ कि हजारो की संख्या में ग्रामीण ढोल नगाड़ो के साथ सड़को पर उतर आए।

-सभी उनके विदाई समारोह को यादगार बनाने के लिए आंखों में आंसू लेकर थाने पहुंच गए। फूल माला पहनाकर उनको विदाई दी।

क्या कहना है गांव वालों का?

-बुजुर्ग ग्रामीण नन्हे यादव ने कहा कि 'मेरी इतनी उम्र रसूलाबाद कसबे में रहते-रहते बीत गई लेकिन इतना अच्छा अधिकारी कभी नही आया है'।

-उन्होंने ने प्रभात सिंह के सिर पर हाथ रख कर पूछा कि 'बेटा अब कब आओगे ,तुम मेरे मसीहा थे।'

-कस्बे में दुकानदारों का कहना है कि जब से प्रभात सिंह आए थे तो हमने दबंगों को वसूली देना बंद कर दिया था।

-उन्होंने दबंगों के ऐसी नकेल कसी थी कि वह क्षेत्र छोड़ कर भाग गए थे।

-गांव के बुजुर्गों ने एसो से पूछा 'अब कब आओगे बेटा।'

एसओ की आंखे हुई नम

-इतनी जबदस्त विदाई देखकर प्रभात सिंह का भी गला भर आया।

-एससो ने कहा, 'चाचा आप लोग बहुत याद आओगे।'

-उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि 'जब भी समय लगेगा तो आप लोगो से मिलने जरूर आऊंगा। आप लोग अपना ख्याल रखना है।'

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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