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10 साल बाद भी नदी पर नहीं बन पाया पुल, ग्रामीणों का चुनाव बहिष्कार का ऐलान
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नेता वादों का पिटारा खोल देते हैं, लेकिन जनता की आज तक आम समस्याएं दूर नहीं कर पाए। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में नदी पर बन रही पुलिया 10 साल बाद भी नहीं बन पाई जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश है।
शाहजहांपुर: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही नेता वादों का पिटारा खोल देते हैं, लेकिन जनता की आज तक आम समस्याएं दूर नहीं कर पाए। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में नदी पर बन रही पुलिया 10 साल बाद भी नहीं बन पाई जिसकी वजह से ग्रामीणों में आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं।
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ग्रामीणों ने 10 साल बीत जाने के बाद भी पुलिया नहीं बनने की वजह से चुनाव बहिष्कार की धमकी दी है। उनका कहना है कि बारिश के मौसम में पुलिया न होने की वजह से तीस गांवों का संपर्क आपस में टूट जाता है। अब ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि वह इस लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने गांव के बाहर एक बैनर भी लगा रखा है जिसमें लिखा है कि पुलिया नहीं, तो वोट नहीं। अब देखना होगा कि मतदान का बहिष्कार करने के बाद भी ग्रामीणों की कोई सुनता है या नहीं? जिला प्रशासन ने नाराज इन ग्रामीणों को कैसे मनाता है?
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जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर स्थित तिलहर तहसील में पिपरथरा गांव है। इस गांव में पुलिया बनाने का काम 2007 में शुरू हुआ था, लेकिन बारिश की वजह से बन रही पुलिया टूट गई थी। उसके बाद ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से कई बार पुलिया बनाने की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन आंख और कान मूंदे रहा। ग्रामीणों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने नेताओं से भी गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन की तरह कोई नेता भी इनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन और राजनेता सिर्फ आश्वासन देते रहे।
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उनका कहना है कि उनके गांव में कोई विकास नहीं हुआ है। बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही है और न हम लोगों को किसी सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है। अब ऐसे में चुनाव में मतदान करने का क्या फायदा। अब नाराज ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की धमकी दी है।