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'हक की बात डीएम के साथ' ,डीएम ने महिलाओं के समस्याओं व सवालों का दिया जबाव, समझाया उनका अधिकार

Mirzapur News: प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षा सम्मान स्वावलम्बन के लिये मिशन शक्ति अभियान के तहत जिला प्रोबेशन कार्यालय के द्वारा ’’ हक की बात डीएम के साथ’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Brijendra Dubey
Report Brijendra DubeyPublished By Shweta
Published on: 8 Aug 2021 11:31 PM IST
दीप जलाते हुए डीएम
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दीप जलाते हुए डीएम

Mirzapur News: प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों को सुरक्षा सम्मान स्वावलम्बन के लिये मिशन शक्ति अभियान के तहत जिला प्रोबेशन कार्यालय के द्वारा '' हक की बात डीएम के साथ'' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं बच्चों के सवालों का जबाव देते हुए डीएम ने महिलाओं एवं बालिकाओं के संरक्षण सुरक्षा एवं स्वावलम्बी बनाने पर बल देते हुए कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और बेटियों को सक्षम व स्वावलम्बी बनाने के लिये केन्द्र व प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिये संचालित योजनाओं के बारें में जानकारी देते हुए जागरूक करने की आवश्यकता है।

उन्होने कहा कि गांव के दूरस्थ क्षेत्रों की गरीब व अशिक्षित महिलाएं जब तक कानून के बारे में जानकारी नहीं कर पाएंगी। तब तक वे अपने हक की मांग भी नहीं कर सकतें। उन्होने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत गोष्ठियां एवं परिचर्चाएं आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा मे कार्य करें।

डीएम ने महिलाओं को समझाया उनका अधिकार

डीएम ने पीड़ित महिलाओं को बताया कि मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं तथा बालिकाओं को सुरक्षा सम्मान व स्वावलम्बी बनाने के लिये कार्यक्रम चलाया रहा हैं। जिसमें महिलाओं को अपने हक की मांग के लिये विभिन्न प्रकार के कानूनों व नियमों की जानकारी दी जाती हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित गौरी सिंह के शिकायत पर कि उनकी शादी के बाद उनके पति द्वारा दहेज की मांग करते हुए कि एक लाख व अपाची गाड़ी लेकर आयें तभी रखेंगे तथा मारपीट कर घर से निकाल दिया। जो अब पीड़ित महिला अब अपने मायके में रह रही हैं। उसके पिता की भी मृत्यु हो चुकी हैं तथा एक दूसरी ससुराल से पीड़ित महिला के सवाल पर डीएम ने कहा कि पति पत्नी, परिवारिक के झगड़े को आपसी सुलह समझौते पर निस्तारण करना सही रहता हैं। परिवारिक मामले में किसी बाहरी व्यक्ति के मीडिएटर के आने से मामला और आगे बढ़ जाता है और परिवारिक सम्बन्धों में दूरियां बढ़ने लगती हैं।

दोनों पक्षों को सामने रखकर बातचीत परिवारिक सुलह का एक अच्छा तरीका है। उन्होंने कहा कि यदि इससे बात नहीं बनती है तभी एफआईआर या कोर्ट जाया जाय। डीएम ने अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित करते हुये कहा कि ऐसे मामलो में निष्पक्ष जांच कर वास्तविकता सामने लाते हुए दोषी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायें। प्रीति श्रीवास्तव ने महिलाओ के द्वारा अपने घर व जिले के बाहर आकर काम करने पर रूकने के लिये किसी हास्टल की व्यवस्था न होने की बात पर डीएम ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में काम करने वाली सभी कर्मियों को सरकार द्वारा एचआरए मिलता है। जिससे वे अच्छा सा किराये का मकान लेकर रह सकती है तथा प्राइवेट जॉब में एमबीए, बीसीए, एवं अन्य योग्य महिलायें, बालिकायें मल्टी पर्पज कम्पनियों में नौकरी के लिये जाती है तो उन्हें उनके पैकेज में ही आवास व पेड भोजन भुगतान करने पर भोजन आदि की सुविधायें पैकेज में ही दी जाती हैं फिर भी समस्यायें है परन्तु अभी सरकारी स्तर पर ऐसी व्यवस्थायें नही हैं। डीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को कौशल विकास योजना सहित अन्य कई योजनाओ मे प्रशिक्षित कराकर पशु पालन, मत्स्य पालन, दरी बुनाई, अगरबत्ती बनाने सहित अन्य ट्रेडो में प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता हैं।



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Shweta

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