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Mirzapur Boat Accident: गंगा में डूबी यात्रियों से भरी नाव, 20 घंटों से लापता श्रद्धालुओं का अभी तक सुराग नहीं

Mirzapur Boat Accident: विंध्याचल के अखाड़ा घाट पर अचानक नाव पलट जाने से नाव में सवार 12 लोग डूब गए।

Brijendra Dubey
Written By Brijendra DubeyPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 9 Sep 2021 7:45 AM GMT
Boad accident
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हादसे के बाद इकट्ठा हुई भीड़ pic(social media)

Mirzapur Boat Accident: उत्तर प्रदेश केमिर्जापुर जिले में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया था। विंध्याचल के अखाड़ा घाट पर अचानक नाव पलट जाने से नाव में सवार 12 लोगडूब गए। मौके पर मौजूद लोगों ने छह लोगों को बचा लिया लेकिन छह लोग अभी भी लापता हैं।

बता दें कि 20 घंटे बाद भी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने लापता लोगों की तलाश नहीं कर पाई। हालांकि पुलिस तमाम बड़े-बड़े दावे करती नजर आ रही है। लेकिन उनकी नाकामी साफ जाहिर हो रही है। अब किसे देंगे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद, तीज के एक दिन पहले तीन महिलाओं समेत 6 लोग काल की गाल में समाहित हो गए। वहीं पर बचे परिवार के लोग रोते बिलखते बोल रहे थे गंगा मैया मेरे बबुआ को लौटा दो, परिवार के करुण कन्द्रन से हर आँख हुई नम।

लापता लोगों की तलाश और जानकारी जुटाने में लगी पुलिस pic(social media)

घटना का समय

बुधवार दोपहर 1 बजे जिस समय आंधी पानी आपस मे अपनी अपनी शक्तियों को प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से प्रस्तुत कर रहे थे। उसी समय एक हँसता खेलता 12 सदस्यीय परिवार गंगा के लहरों के बीच काल की गाल में समाहित होने लगता है। गंगा के किनारे पर खड़े स्थानीय नाविक जब तक अपने अपने नाव लेकर गंगा की बीच धारा में पहुचते तब तक परिवार के छः लोग गंगा में समाहित हो चुके थे। स्थानीय लोग किसी तरह से छः सदस्यों सहित नाविक ओर फोटोग्राफर को लेकर किनारे पहुचते हैं।

आस पास की भीड़ जुटती है और प्रशासनिक अमला को सूचना मिलती है। जिले के सभी आलाधिकारी मौके पर पहुच कर हर संभव कोशिश करते हैं लेकिन गंगा के विशाल जलस्तर में कुछ हाथ नही लगता। एक तरफ परिवार के करुण क्रंदन से घाट पर खड़ा हर कोई अपने आंसू पोछता दिख रहा था। परिवार के असहनीय पीड़ा की सीमा को कोई भाप नही सकता था। हर कोई बस एक ही बात करता दिख रहा था कि भगवान ने गलत किया।।

लापता लोगों की तलाश जारी pic(social media)

विकास की चीख ने सबको हिला दिया

बक्सर से आये विकास की मानो पूरी दुनिया उलट गयी। विकास की पत्नी गुड़िया, बेटा सत्यम पांच वर्ष और शौर्य 2.5 वर्ष गंगा में समाहित हो चुके थे। विकास सिर्फ गंगा मैया से पुुकार लगा रहा था कि मैया मेरे बबुआ को वापस कर दो। साथ में आये राजेश की पत्नी खुसबू और दीपक की पत्नी अनीषा ओर बेटी 2 माह की (जिसका नामकरण नहीं हुआ था) भी काल की गाल में समा गए। बाहर आई दो बच्चियां अपनी माँ को रो रो कर बुला रही थी कि माँ आ जाओ न।

घाट पर खड़ी महिला पुलिसकर्मी अपने आप को नहीं रोक पाई

जिस समय पूरा परिवार अपने अपने सदस्यों के लिए चीख रहा था। घाट पर खड़ी महिला पुलिस कर्मी परिवार की पीड़ा को सहन नहीं कर पा रही थी। और जब तक वो घाट पर मौजूद रही तब तक आखों के आँसू को रोक नही पाई।

Pallavi Srivastava

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