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Mirzapur News: किसानों ने किया पुतला दहन का प्रयास, पुलिस ने मंसूबे को किया नाकाम

कृषि काननों के विरोध में किसानों ने की सरकार का पुतला दहन की कोशिश

Brijendra Dubey
Published on: 16 Oct 2021 10:08 PM IST
sanyukt kisan morcha
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सरकार का पुतला ले जाते किसान यूनियन के लोग (फोटो-न्यूजट्रैक)

Mirzapur News: संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) के तय कार्यक्रम के अनुसार जिले में किसानों के द्वारा भारत सरकार और प्रदेश सरकार का पुतला दहन (putala dahan) का कार्यक्रम रहा। इसको लेकर भारी पुलिस बल की तैनाती भी कर दी गई थी। हालांकि अदलहाट थानाध्यक्ष नवीन कुमार तिवारी ने पुलिस के साथ अदलहाट नेशनल हाईवे पर रोककर जबरदस्ती पुतले को किसानों से अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद किसानों ने क्षेत्राधिकारी चुनार के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा कोरोना कॉल में किसानों के लिए कृषि अध्यादेश 2020 लोकसभा में बिना बहस कराए बहुमत से पास कराने के बाद राज्यसभा में भी बिना बहस के ध्वनिमत से पास करवा लिया गया था, इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भी नहीं भेजा गया, नतीजतन, कानून की बारीकियों पर ध्यान नहीं दिया जा सका।

तीनों कानून किसान विरोधी हैं (kisanon ka pradarshan)

ये तीनों कानून किसान विरोधी ही नहीं बल्कि मजदूर, छोटे व्यापारियों एवं देश के समस्त उपभोक्ताओं के विरोध में हैं। विगत 11 महीनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर व देश भर में किसानों द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन व आंदोलन हो रहा है। जिसमें लगभग 750 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। जिसको लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के अहवाह्न पर संपूर्ण भारत में भारत सरकार का पुतला दहन किया गया।ज्ञापन के माध्यम से भारतीय किसान यूनियन जिला इकाई मीरजापुर ने माँग की कि-

कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अध्यादेश 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020, कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेश को तुरंत वापस लिया जाए। लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा कर हत्या करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। लखीमपुर खीरी की घटना के दोषी गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को तत्काल बर्खास्त किया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों, फल और सब्जी पर लागू करते हुए कानून बनाया जाए। समर्थन मूल्य से कम पर फसल की खरीद हो तो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए। डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भारत सरकार के किसानों के हित में लागू की जाए। बढ़े हुए बिजली बिल को वापस करते हुए देश में एक समान विद्युत बिल निर्धारित किया जाए व किसानों के सिंचाई हेतु निजी बोरिंग का बिजली बिल निशुल्क किया जाए।

26 जनवरी, 2021 को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान गिरफ्तार निर्दोष किसानों व उनके ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। उनके के ऊपर लगे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं। 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को ₹10000 मासिक पेंशन दिया जाए। इस मौके पर भाकियू के मंडल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह, जिलाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह, जिला उपाध्यक्ष अवधेश सिंह, रेलवे संघर्ष समिति अध्यक्ष अनिल सिंह, प्रधान संघ अध्यक्ष जमालपुर राणा प्रताप सिंह, जिला कार्यकारिणी सदस्य विश्वनाथ सिंह ,शिव प्रसाद सिंह, स्वामी दयाल सिंह, ब्लॉक उपाध्यक्ष जमालपुर महेंद्र सिंह, जमुना प्रसाद, रामाश्रय सिंह, सुरेश कुमार, सुभाष सिंह, गोरखनाथ सिंह, अरुण कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, आशीष सिंह, विजय सिंह, झुरी प्रसाद, परशुराम मौर्या, भरत चौहान, राजबली चौहान, रामलाल सिंह, केशनाथ, विनय कुमार, दिलीप कुमार प्रधान, छांगुर सिंह, मो. असलम, धर्मेंद्र कुमार, लल्लू सिंह, धर्मेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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Raghvendra Prasad Mishra

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