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UP Election 2022 News: मिर्जापुर पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के नेता ललितेश पति त्रिपाठी, आगमन पर उमड़ा समर्थकों का सैलाब

UP Election 2022 News: ललितेश पति त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मिर्जापुर में प्रथम आगमन पर उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया।

Brijendra Dubey
Report Brijendra DubeyPublished By Shraddha
Published on: 30 Oct 2021 1:28 PM GMT
ललितेश पति त्रिपाठी के प्रथम आगमन पर उमरा समर्थकों का जनसैलाब
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ललितेश पति त्रिपाठी के प्रथम आगमन पर उमरा समर्थकों का जनसैलाब

UP Election 2022 News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कांग्रेस (Congress) के पूर्व उपाध्यक्ष मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) प्रदेश कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देकर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी (Trinamool Congress Party) की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मिर्जापुर (Mirzapur) में प्रथम आगमन पर उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। ललितेश पति त्रिपाठी ने मां विंध्यवासिनी (maa vindhyavasini mandir) के दरबार में मत्था टेका। तृणमूल कांग्रेस की तरफ से जाह्नवी होटल में प्रेस वार्ता (Jhanvi Hotel Press Varta) का आयोजन किया गया।

इस दौरान ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम आपसे क्षमा भी चाहते हैं। क्योंकि इस दौरान आप लोगों ने मुझसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन तब शायद वक्त सही नहीं था, आज मैं आप लोगों से मुखातिब हूं मेरा प्रयास रहेगा कि आपके हर प्रश्न का उत्तर दे सकूं।

मिर्जापुर में प्रथम आगमन पर उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया

पांच पीढ़ियों की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विचारधारा ही हमारा संस्कार, हमारी संस्कृति और पहचान रही है। मैंने जबसे आंखें खोली है, कांग्रेस की विचारधारा के सिवा कुछ ना देखा ना सोचा कांग्रेस ही उठाया और बैठाया है। आज से एक दशक पहले जब मैंने राजनीति में कदम रखा तो मेरे समक्ष मेरे पूर्वजों द्वारा किए हुए कार्यों का उदाहरण था, उनकी विरासत को संजोए रखने की चुनौती भी देश और प्रदेश की राजनीति संप्रदायिक और जातिवादी ताकतों की नूरा कश्ती में फसां चुकी थी। ऐसे माहौल में मैंने 2012 के विधानसभा चुनाव में ऐसी सीट को चुना जो राजनीतिक विशेषज्ञों की निगाह में एक अनसेफ सीट थी, मैं यह साबित करना चाहता था, कि सांप्रदायिक और जातीय आग्रहों से प्रभावित हुए बगैर भी राजनीत की जा सकती है। चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है, मैं धन्यवाद देना चाहता हूं, मड़िहान और मिर्जापुर की महान जनता का जिन्होंने इस लड़ाई में मेरा साथ दिया।

तृणमूल कांग्रेस की तरफ से जाह्नवी होटल में प्रेस वार्ता की


आज की पेशेवर राजनीति में जब लोग सांसद विधायक और मंत्री बनने के लिए कुर्ते की तरह पार्टी और विचारधारा बदल रहे हैं, तो मैंने सत्ता सुख की बजाए संघर्ष की पथरीली राह चुनी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में मेरे पास पद और कद दोनों थे, इसके बावजूद पिछले दो-तीन वर्षों से एक बात जो मुझे व्यक्तिगत तौर पर तकलीफ देती थी, वह यह थी कि जिन साथियों और परिवारों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और मुश्किल के दौर में कांग्रेस के विचारों की लड़ाई लड़ी वह लगातार पार्टी में दरकिनार होते चले जा रहे थे, मैं पद पर रहते हुए भी पार्टी में उनकी लड़ाई नहीं लड़ पा रहा था। इसलिए मैंने यह फैसला लिया कि मुझे पद पर बने रहने का औचित्य नहीं है। इस दौरान लगभग हर प्रमुख दल की तरफ से मुझ पर साथ जुड़ने का दबाव बनाया गया । लेकिन मेरे लिए उन ताकतों के साथ समझौता करना मुमकिन नहीं था। जिनकी राजनीति में वैचारिक तौर पर असहमत रहा अलग अलग तरह की राजनीति की आवश्यकता है।

इन परिस्थितियों में जब मैं मड़िहान,मिर्जापुर, बनारस, चंदौली एवं अन्य जगहों के साथियों और सहयोगियों के साथ रायशुमारी कर रहा था। तब उनकी सलाह पर हमारी बातचीत मुलाकात तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी से हुई हमें लगा कि वे आदर्श और विचार जो हमें विरासत में मिले हैं। उनसे समझौता किए बगैर देश और जनता की सेवा ममता बनर्जी के नेतृत्व में ही संभव है। बेशक यह आसान नहीं होगा, लेकिन जब विचारों में अस्पष्टता होगी, हम उन ताकतों से लड़ते हुए उनके जैसे ही ना बन जाएं तो जरूर हम एक बेहतर विकल्प पेश करने की स्थिति में होंगे उम्मीद है जो रास्ता मैंने चुना है। उस पर चलने में आप हमारा साथ देंगे और जो कहीं भटक जाऊं तो मुझे आगाह भी करेंगे।

taja khabar aaj ki uttar pradesh 2021, ताजा खबर आज की उत्तर प्रदेश 2021

Shraddha

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