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UP चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, ललितेश पति त्रिपाठी का इस्तीफा
UP Elections: कहा जा रहा है कि वह मिर्जापुर की मझवां सीट से चुनाव लड़ेंगे, ललितेश पति के सपा में जाने की संभावना है
UP Elections: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election Assembly Election) की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को बड़ा झटका लगा है। पूर्वांचल के बड़े ब्राम्हण नेता ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ललितेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है। चुनाव से पहले ललितेश पति त्रिपाठी का यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उनकी चार पीढ़िया कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रही हैं। पूर्व विधायक ललितेशपति प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष थे। कहा जा रहा है कि वह मिर्जापुर की मझवां सीट से चुनाव लड़ेंगे, ललितेश पति के सपा में जाने की संभावना है। वह केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र हैं।
यूपी चुनाव 2022 (UP Election 2022) से कुछ महीने पहले उनका कांग्रेस छोड़ना कहीं ना कहीं प्रियंका गांधी और उनकी पार्टी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा सकता है। ललितेश पति त्रिपाठी की अगली राजनीति पारी कहां होगी इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि उनकी नजदीकियां इन दिनों समाजवादी पार्टी से बढ़ी हैं। उनका अगला ठिकाना वही हो सकता है क्योंकि वहाँ कांग्रेस से सांसद रही अनु टंडन पहले से ही हैं।
कौन हैं ललितेश पति त्रिपाठी?
कमलापति त्रिपाठी 4 अप्रैल, 1971 से 12 जून, 1973 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ललितेश पति त्रिपाठी कमलापति त्रिपाठी परिवार के राजनैतिक वारिस हैं। इस परिवार का गांधी परिवार से करीबी रिश्ता रहा है। ललितेश पति त्रिपाठी ने राजनीति की शुरुआत 2012 के विधानसभा चुनाव से की थी। पहली बार पार्टी ने उन्हें मड़िहान विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। उस दौरान कांग्रेस की पूर्वांचल की चंद सीटों में मड़िहान सीट शामिल थी, जहां पर पार्टी को सफलता मिली थी।
हालांकि विधायक रहते ललितेश पति त्रिपाठी ने लोक सभा चुनाव 2014 में पार्टी के टिकट पर मिर्ज़ापुर से लड़ा। उसमें वह अनुप्रिया पटेल से हार गए। लगभग एक लाख 52 हजार मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2017 में भी उन्हें मड़िहान से हार का सामना करना पड़ा। चुनावी हार के बाद वह लगातार राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गए। पार्टी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशियों के चयन के लिए बनाए गए। स्क्रिनिग कमेटी में शामिल किया था। हालांकि राजस्थान में जिम्मेदारी के बाद भी वह जिले में सक्रिय रहे। पार्टी ने एक बार फिर उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में नई रणनीति के तहत मिर्ज़ापुर से प्रत्याशी बनाया गया लेकिन अनुप्रिया पटेल से उन्हें फिर हार का सामना करना पड़ा।
नौकरी छोड़कर राजनीति में आए
ललितेश पति त्रिपाठी राजनीति में आने से पहले एक मल्टीनेशनल कंपनी में नार्थ इंडिया सेल्स मैनेजर के पद पर नौकरी करते थे। वह चौथी पीढ़ी के राजनेता हैं। वह मिर्जापुर के गोपालपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी माता का नाम लक्ष्मी त्रिपाठी है। उनके पिता का नाम राजेश पति त्रिपाठी।
फिलहाल आपको बता दें कि ललितेश ने अपने ट्वीटर एकाउंट से कांग्रेस हटा दिया है।
ललितेश पति त्रिपाठी के इस्तीफे की पुष्टि उनका टि्वटर अकाउंट कर रहा है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस पार्टी और अपने पद पर बने रहने का टाइटल हटाया। चर्चा यह भी है ललितेश पति त्रिपाठी अब समाजवादी पार्टी का दामन थामेंगे। जानकार यह भी कहते हैं मझवा विधानसभा ब्राह्मण बाहुल्य इलाका व दादा की विरासत आगे बढ़ाने के लिए वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर आगामी विधानसभा में चुनाव लड़ सकते हैं। जानकारों का कहना है ललितेश पति त्रिपाठी जबसे प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर बने हैं तब से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से बातचीत कम होती है। हालांकि अभी लखनऊ दौरे पर प्रियंका गांधी आई थी इस दौरे से एक चीज स्पष्ट हो गया था ललितेश पति त्रिपाठी किसी भी फोटो सेशन में मौजूद नहीं थे। कहा जा रहा है पार्टी की अनदेखी के कारण उन्होंने अपने को अपमानित महसूस करते हुए इस्तीफा सौंप दिया है।
साथ में मिर्जापुर से ब्रजेंद्र दुबे