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Vindhyavasini Dham: मकर संक्रांति पर्व पर "महाप्रसाद खिचड़ी" के लिए श्रद्धालुओं का लगा तांता, जानें क्या हैं मान्यताएं

Vindhyavasini Dham: विन्ध्याचल के श्री विंध्य पंडा समाज के ईश्वर दत्त ने कहा कि 'माता के दर पर आकर हाजिरी लगाने के बाद भक्त इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं । तमाम भक्त इस प्रसाद को अपने घर भी ले जाते है । ताकि परिवार के सभी सदस्यों पर माँ की कृपा बनी रहे।'

Brijendra Dubey
Published on: 15 Jan 2022 10:19 AM GMT
Mirzapur Vidyayanchal Temple Alert
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Mirzapur News: भगवान भास्कर के उत्तरायण होने पर लगने वाले मकर सक्रांति पर्व (Makar Sankranti 2022) पर भक्तो ने गंगा स्नान कर दर्शन पूजन व दान किया । जगत जननी माता विन्ध्यवासिनी के धाम (Vindhyavasini's Dham) में मकर संक्रांति के अवसर पर एक कुंतल का महा प्रसाद खिचड़ी वितरित किया जा रहा है । वर्ष में एक बार लगने वाले इस महा प्रसाद के साथ ही माता रानी की कृपा पाने के लिए भक्त विभिन्न अंचलों से भक्त गण आते है।

भारत पर्वो का देश है यहा हर त्यौहार प्रकृति व मानव समाज से जुड़ा हुआ है। हेमंत ऋतु (Hemant Ritu) के अंत व शिशिर ऋतु आगमन के साथ ही जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व देश के हर हिस्से में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। ऋतुओं के संधि काल के साथ ही सूर्य के उत्तरायण होने से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।

मकर संक्रांति पर्व पर गुड़, तिल का दान करना शुभ

मकर संक्रांति पर्व पर गुड़, तिल का दान व सेवन हर प्रकार से हितकारी है । उत्तर भारत के हर घर में खिचड़ी बनती है । मणिद्वीप के नाम से विख्यात विन्ध्य पर्वत पर विध्याचल में गंगा स्नान, दर्शन पूजन करने का विशेष महत्त्व है । माता के धाम में पहुंचे भक्तों ने परम्परानुसार स्नान, पूजन व् दान किया । माता विंध्यवासिनी के धाम में मकर संक्रांति पर्व पर माता भक्तों के लिए श्री विंध्य पंडा समाज द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें खिचड़ी का प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाता है ।

पंडित ईश्वर दत्त

मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया जाता है।

वैसे तो माता विन्ध्यवासिनी के धाम में प्रतिदिन भक्तों का तांता लगा रहता है । पर्व पर इनकी संख्या कई गुणा बढ़ जाती है । मकर संक्रांति पर वर्ष में एक बार लगने वाले खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करने पर भक्तों को परम आनन्द और सुख की अनुभूति होती है । माँ के धाम में भोर से ही प्रसाद बनने लगता है । मंगला आरती में माँ को अर्पित करने के बाद भक्तों में देर रात तक वितरित किया जाता है । इस महाप्रसाद को ग्रहण करने से भक्तों की समस्त कामना पूर्ण होती है-

माता के दरबार में भक्त प्रसाद को ग्रहण करते हैं

विन्ध्याचल के श्री विंध्य पंडा समाज के ईश्वर दत्त ने कहा कि 'माता के दर पर आकर हाजिरी लगाने के बाद भक्त इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं । तमाम भक्त इस प्रसाद को अपने घर भी ले जाते है । ताकि परिवार के सभी सदस्यों पर माँ की कृपा बनी रहे।'

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