Sonbhadra Crime News: पुलिस पर हमले प्रकरण को लेकर सीबीसीआईडी की टीम सोनभद्र पहुंची, ग्रामीणों का दर्ज किया बयान

पुलिस औऱ ग्रामीणों में झड़प के बाद ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को बंधक बना लिया था,आज पुलिस गांव में आकर सभी का बयान दर्ज किया।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Raj
Published on: 24 July 2021 3:25 PM GMT
Police introspect to villagers
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ग्रामीणों से पुछताछ करती पुलिस

Sonbhadra Crime News: 22 मई 2018 को पुलिस टीम पर हमले के बाद सुर्खियों में आए लिलासी वन भूमि का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा है। वहां से मिले निर्देश पर सीबीसीआईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में शनिवार को सीबीसीआईडी की एक टीम म्योरपुर ब्लॅाक के लिलासी पहुंची। यहां प्रश्नगत वन भूमि का निरीक्षण किया और शिकायतकर्ताओं तथा अन्य ग्रामीणों का बयान दर्ज कर मामले की जानकारी ली। जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट आयोग को भेजने की बात कही।


प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)



प्रधान राम नरेश जायसवाल से भी जमीन को लेकर जरूरी जानकारी ली गई

अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. कृष्ण गोपाल की अगुवाई में दोपहर बाद पहुंची सीबीसीआईडी टीम सबसे पहले वन भूमि के कब्जे वाले स्थल पर पहुंची। यहां करीब 170 बीघे वनभूमि पर जमाए गए कब्जे के बारे में जानकारी ली। इसके बाद जमीन पर कब्जे और इसको लेकर पुलिस से मारपीट के मुख्य आरोपी नंदू गोंड़ सहित शिकायतकर्ता महिलाओं का बयान दर्ज किया। लिलासी गांव के अन्य ग्रामीणों का भी बयान लिया गया। प्रधान राम नरेश जायसवाल से भी जमीन को लेकर जरूरी जानकारी ली गई।

इस दौरान शिकायतकर्ता महिलाओं ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। जांच को लेकर अतिक्रमणकारियों में हड़कंप की भी स्थिती बनी रही। हालांकि टीम उन्हीं लोगों द्वारा, पुलिस पर उत्पीड़न, मारपीट के लगाए गए आरोपों की जांच के लिए पहुंची थी। प्रभारी निरीक्षक म्योरपुर अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सीबीसीआईडी की उच्चस्तरीय टीम मामले की जांच कर रही है। वह यहां वन भूमि कब्जा किये हुए लोगों और ग्रामीणों पूछताछ कर सच्चाई पता करने आई थी।

पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ के लोगों से गहनता से पूछताछ की गई है। लिलासी चौकी इंचार्ज कुमार संतोष, वन दरोगा विजेंद्र सिंह, शिव कुमार, क्षेत्रीय लेखपाल,सुरेंद्र नाथ पाठक, लाल बाबू, अश्वनी कुमार आदि भी टीम के साथ बने रहे।

2018 में कब्जा हटाने गई पुलिस-वनकर्मियों की टीम पर महिलाओं ने बोल दिया था हमला, थानाध्यक्ष को बनाया था बंधक

22 मई 2018 का दिन शायद ही पुलिस भुला पाए। ग्रामीणों की सूचना पर म्योरपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह की अगुवाई वाली पुलिस टीम और वन विभाग की टीम लिलासी में वन भूमि पर किए जा रहे कब्जे को रोकने पहुंची थी। तभी वहां बड़ी तादाद में मौजूद महिलाएं हसिया आदि लेकर पुलिस और वन कर्मियों पर टूट पड़ीं। अचानक से हुए हमले में पुलिस कर्मियों के जान के लाले पड़ गए। कई पुलिस और वन कर्मी घायल भी हो गए। हमलावर महिलाओं ने थानाध्यक्ष को बंधक बना लिया।

लोगों की मानें तो एक महिला ने उनकी गर्दन पर हसिया तक सटा दिया था। आरजू-मिन्नत कर किसी तरह उन्होंने जान बचाई। बाद में पहुंची पुलिस की दूसरी टीम ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। तत्काल सत्य प्रकाश को वहां से हटाकर दूसरे को थानाध्यक्ष बनाकर भेजा गया। कई दिन की मशक्कत के बाद यहां की स्थिति पूरी तरह पुलिस के नियंत्रण में आई।

महिलाओं को दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा था

इस मामले में जब पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि महिलाओं को दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा था। प्रकरण में कई गिरफ्तारियां हुईं, तब जाकर मामला शांत हो पाया। हालांकि जमीन पर कब्जा करने वाले पक्ष ने सीबीसीआईडी को दिए बयान में पुलिस पर जबरिया उत्पीड़न का आरोप लगाया। उनका कहना था कि पुलिस वन विभाग की जमीन के बहाने जब-तब उनके उत्पीड़न में लगी रहती है। उनपर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए है।

Deepak Raj

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