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Sonbhadra News: यूपी में बिजली की मांग ने बनाया नया रिकॉर्ड, 25032 MW पहुंची अधिकतम खपत
उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग और खपत दोनों एक के बाद एक नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। शुक्रवार की अर्धरात्रि में 25032 मेगावाट का नया रिकॉर्ड बना डाला।
Sonbhadra News: आषाढ़ मास में लगातार धूप के चलते जहां सूखे की स्थिति बनने लगी है। वहीं भारी उमस और जेठ के दोपहरी सरीखी हो रही धूप ने बिजली मांग का नया रिकॉर्ड बना दिया है। शुक्रवार की रात 11:52 बजे बिजली की मांग 25032 मेगावाट पहुंच गई। हालात संभालने और ग्रिड को नियंत्रित रखने के लिए सिस्टम कंट्रोल को महंगी बिजली खरीदने के साथ आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा। शनिवार को भी बिजली की मांग सुबह से ही तेजी पकड़े रही। सुबह 7:00 बजे के करीब 14228 मेगावाट दर्ज हुई न्यूनतम मांग 10:30 बजते-बजते 21730 मेगावाट पर पहुंच गई।
लगभग 20 दिन से प्रदेश में बिजली की मांग और खपत दोनों एक के बाद एक नया रिकॉर्ड बनाने में लगे हुए हैं। गत 30 जून को बिजली की मांग ने 24926 मेगावाट का आंकड़ा छूकर राज्य में अब तक की सबसे अधिक मांग का रिकॉर्ड बनाया था। महज 16 दिन बाद बढ़ती मांग ने उस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए शुक्रवार की अर्धरात्रि 25032 मेगावाट का नया रिकॉर्ड बना डाला।
हालात संभालने में सिस्टम कंट्रोल के छूटे पसीने
नार्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य, केंद्र और निजी सेक्टर से हुए करार की पूरी बिजली लेने के साथ ही केंद्रीय पूल से महंगी बिजली खरीदी गई, फिर भी 200 मेगावाट के करीब उपलब्धता कम पड़ गई। बताते हैं कि स्थिति को देखते हुए सिस्टम कंट्रोल ने सोनभद्र सहित प्रदेश के कई हिस्सों में थोड़े-थोड़े समय के लिए आपात कटौती का सहारा लिया, तब जाकर मांग 25000 मेगावाट के नीचे आई। इसके बाद जाकर मांग और आपूर्ति में संतुलन बन पाया।
उधर, एनटीपीसी सिंगरौली में चल रहे नियमित उत्पादन में 500 मेगावाट के करीब आई गिरावट पावर सेक्टर की बेचैनी बढ़ाए रही। उच्च स्तर की मांग को देखते हुए रिहंद डैम के जलस्तर की स्थिति चिंताजनक होने के बावजूद, रिहंद जल विद्युत गृह और ओबरा जल विद्युत गृह से पूरी रात विद्युत उत्पादन लिया गया। इसके चलते शुक्रवार को 844.2 फीट पर रहा जलस्तर शनिवार को घटकर 844.1 फीट पर आ गया। इसी तरह ओबरा, अनपरा और लैंको अनपरा की उत्पादन पर चल रही इकाइयों से पूर्ण क्षमता से उत्पादन लेने की कोशिश होती रही।
जल्द नहीं हुई बारिश तो और बिगड़ेंगे हालात
अभियंताओं और विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द बारिश नहीं शुरू हुई तो हालात बेकाबू स्थिति में जाते नजर आ सकते हैं। राज्य की कई परियोजनाओं की कई इकाइयां मानक उम्र 25 वर्ष पार कर चुकी हैं। मांग में वृद्धि को देखते हुए उनकी मौजूदा स्थिति से ज्यादा क्षमता में उत्पादन लेने की कोशिश हो रही है। लगातार उत्पादन के दबाव कारण उन्हें समय पर अनुरक्षण में दिया जाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसी भी दिन कई इकाइयों के ठप होने की स्थिति बन सकती है।
महंगी बिजली खरीदने के बाद भी करनी पड़ी कटौती
बिजली उत्पादन लागत में वृद्धि की स्थिति बनेगी सो अलग। पारेषण इकाइयों पर भी बढ़ते लगातार लोड और गर्मी के चलते, पारेषण लाइनों का विद्युत प्रवाह सुचारू रखने को लेकर, चिंता की स्थिति बनने लगी है। कहा जा रहा है कि अगर जल्द बारिश नहीं हुई तो जनमानस को भीषण गर्मी में कई-कई घंटे कटौती से भी गुजरना पड़ सकता है।