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Sonbhadra News: जाम में फंसी ऑक्सीजन कंसट्रेटर दान कर लौट रही टीम, ट्विटर से जाम में फंसे होने की दी जानकारी
Sonbhadra News: हाइवे पर भीषण जाम के चलते ऑक्सीजन कंसट्रेटर दान कर लौट रही टीम फंस गई। बीमारी का हवाला देकर डीएम-एसपी से गुहार के बाद यातायात पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर रात 12:30 बजे उन्हें जाम से बाहर निकाला।
Sonbhadra News: वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मंगलवार की देर रात जाम से जूझते रहे लोग। इसी जाम में दुद्धी के एक अस्पताल में ऑक्सीजन कंसट्रेटर दान कर लौट रहे People's Vigilance Committee on Human Rights के संस्थापक लेनिन रघुवंशी भी वाहन सहित फंस गए। संस्था के ट्विटर से एसपी और डीएम के ट्विटर हैंडल पर जाम में फंसे होने की जानकारी दी गई। यातायात पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर रात 12:30 बजे उन्हें जाम से बाहर निकाला तब जाकर संस्था के लोगों ने राहत की सांस ली।
घंटों फंसे रहे लोग
जिले के लाइफ लाइन का दर्जा रखने वाले वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मंगलवार की देर रात भीषण जाम लगने से कई किमी तक वाहनों की कतार लग गई। इस जाम में दुद्धी के एक अस्पताल में ऑक्सीजन कंसट्रेटर दान कर लौट रहे People's Vigilance Committee on Human Rights के संस्थापक लेनिन रघुवंशी भी वाहन सहित फंस गए। टीम जिला मुख्यालय राबर्ट्सगंज स्थित एक होटल में ठहरी हुई थी। दुद्धी जाते वक्त टीम लेनिन की टीम दवा यह सोचकर साथ नहीं ले गई कि रात में वह लोग समय तो वापस आ जाएंगे। वापसी में रात दस बजे राबर्ट्सगंज से आठ किलोमीटर पहले मारकुंडी तक पहुंच भी गए लेकिन यहां आड़े-तिरछे खड़े किए गए गिट्टी बालू लदे ट्रकों के कारण भीषण जाम लग गया। घंटे भर बाद भी जाम नहीं खुला तो रात 11 बजे उनकी संस्था के ट्विटर से एसपी और डीएम के ट्विटर हैंडल पर जाम में फंसे होने की जानकारी दी गई। और कुछ दिन पूर्व ही कोरोना महामारी से निकलने का हवाला देते हुए उन्हें जाम से निकलवाने का अनुरोध किया गया। पुलिस की तरफ से यातायात हेल्पलाइन द्वारा मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही शुरू करने की जानकारी दी गई। लेकिन रात 11.50 बजे तक जाम से कोई राहत नहीं मिल पाई थी। ट्विटर के जरिए लेनिन रघुवंशी की दवा राबर्ट्सगंज के एक होटल में रखे होने, उन्हें दस बजे से ही फंसे होने और उस दवा को उनके लिए तत्काल सेवन जरूरी बताते हुए जाम से निकलवाने का अनुरोध जारी था।
बगैर परमिट खड़े बड़े वाहनों से लगता है जाम
बताते चलें कि मारकुंडी में अंधेरा गहराते ही ओवरलोड एवं बगैर परमिट बालू लदे वाहन जहां-तहां आड़े तिरछे खड़े कर दिए जाते हैं। इसके चलते फोरलेन हाइवे वनवे हो जाता है। कई बार दोनों तरफ फिशर जाम की स्थिति हो जाती है और घंटो लोगों को जाम में फंसे रहना पड़ता है। उमस और गर्मी से व्याकुल लोग जाम में जहां-तहां फंसकर घंटों इंतजार करते रहते हैं लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाद में जल्दी-जल्दी जाम छुड़ाने की आड़ में ओवरलोड और बगैर परमिट वाले वाहन पासरों की मदद से खनिज चेक पोस्ट को आसानी से पार कर जाते हैं। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। हर रात इसकी आड़ में दर्जनों गाड़ियां जिले की सीमा से पार हो जाती हैं। जब इसको लेकर ज्यादा शोर मचता है तो कुछ दिन अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है इसके बाद यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाता है।
जाम पर अंकुश के लिए बनाई गई पुलिस टीम बेअसर
मारकुंडी घाटी और इससे सटे गुरमा में वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर आए दिन लगते भीषण जाम को देखते हुए इस पर अंकुश के लिए पुलिस की एक टीम भी बनाई गई है लेकिन वाहन पशुओं का सिंडिकेट और हाइवे पर आड़े तिरछे वाहनों को खड़ा कर जाम लगाने का चल रहा खेल अब तक पुलिस पर भारी पड़ता चला आ रहा है। पिछले माह ही पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी की तरफ से एक पत्र चोपन पुलिस को जारी किया गया था, जिसमें गुरमा मारकुंडी में लगने वाले जाम पर अंकुश के लिए 12-12 घंटे की पाली में चार-चार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। यह सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई थी कि जाम वाले स्थल के पास हाइवे पर कोई भी वाहन अनावश्यक खड़ा न रहने पाए। कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन कागज पर दिखती तेजी अभी भी हकीकत से दूर बनी हुई है।