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Sonbhadra: NTPC सिंगरौली की छठवीं इकाई ठप, दो इकाइयां पहले से चल रही है बंद, जानें पूरा मामला

Sonbhadra News : बिजली देने वाली एनटीपीसी (NTPC) सिंगरौली की 500 मेगावाट वाली छठवीं इकाई तकनीकी कारणों से बंद हो गई है।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shraddha
Published on: 25 July 2021 6:15 AM GMT
NTPC सिंगरौली की छठवीं इकाई ठप
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NTPC सिंगरौली की छठवीं इकाई ठप

Sonbhadra News : Sonbhadra News :थर्मल पावर सेक्टर (Thermal Power Sector) में राज्य को सबसे सस्ती बिजली देने वाली एनटीपीसी (NTPC) सिंगरौली की 500 मेगावाट वाली छठवीं इकाई तकनीकी कारणों से बंद हो गई है। इस परियोजना की दो इकाइयां पहले से अनुरक्षण में चल रही हैं। जिसके चलते जहां 2000 मेगावाट वाली परियोजना (Project) का उत्पादन लुढ़ककर 700 मेगावाट के करीब पहुंच गया। वहीं शनिवार की रात 11 बजे बिजली की मांग 23204 मेगावाट पहुंच जाने के कारण पावर सेक्टर में बेचैनी की स्थिति बन गई। सिस्टम कंट्रोल ने महंगी बिजली खरीदी, तब जाकर स्थिति संभली।

स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार एनटीपीसी सिंगरौली की 200 मेगावाट वाली तीसरी और 500 मेगावाट वाली सातवीं इकाई पहले से बंद चल रही है। जनरेटर ट्रांसफार्मर में आई दिक्कत के कारण 500 मेगावाट क्षमता वाली छठवीं इकाई भी बंद हो गई है। परियोजना प्रबंधन की तरफ से 29 जुलाई तक इकाई को उत्पादन पर आने की उम्मीद जताई गई है। वहीं तीसरी इकाई को उत्पादन पर लेने का प्रयास तेजी से शुरू कर दिया गया है। सातवीं इकाई को पांच अगस्त की सुबह तक उत्पादन पर आ जाने की उम्मीद है।

उधर राज्य सेक्टर की अनपरा डी परियोजना की 500 मेगावाट वाली दूसरी और ओबरा परियोजना की 200 मेगावाट वाली 13वीं इकाई को भी उत्पादन पर लेने का प्रयास जारी है लेकिन अभी दोनों को लेकर टेस्टिंग का क्रम बना हुआ है। इस कारण दोनों इकाइयों को उत्पादन पर आने में अभी कुछ और देर लगने की संभावना जताई जा रही है।

उच्च स्तर पर पहुंचने लगी बिजली की मांग




तीन-चार दिन की राहत के बाद बिजली की मांग में तेजी पकड़ने का क्रम लगातार बना हुआ है। दो दिन पूर्व 21000 मेगावाट के इर्द-गिर्द रहने वाली बिजली की अधिकतम मांग शनिवार की रात 11 बजते-बजते 23000 मेगावाट को पार कर गई। सस्ती बिजली की उपलब्धता में कमी को देखते हुए जहां रिहंद और ओबरा जलविद्युत गृह की उत्पादनरत इकाइयों से पूरी रात पूर्ण क्षमता से उत्पादन लेने की कोशिश बनी रही। वहीं ओबरा, अनपरा, लैंको अनपरा की भी इकाइयों से ज्यादा से ज्यादा उत्पादन लेने का प्रयास जारी रहा। मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए केंद्रीय पूल से मंहगी बिजली खरीदनी पड़ी। रविवार को भी बिजली खपत में तेजी का क्रम बना रहा। सुबह 9:30 बजते बजते बिजली की खपत 19000 मेगावाट के करीब पहुंच गई।

कुछ दिन तक बनी रहेगी सस्ती बिजली की उपलब्धता में कमी

अनपरा डी परियोजना की एक एनटीपीसी सिंगरौली की तीन और ओबरा परियोजना की एक इकाई बंद रहने के कारण राज्य के पावर सेक्टर में अबे कुछ दिन तक सस्ती बिजली के उपलब्धता में कमी बनी रहेगी। उक्त इकाइयों के उत्पादन पर रहने के समय पावर सेक्टर को 1600 से 1800 मेगावाट की बिजली उपलब्धता बनी रहती है। क्योंकि अभी बंद चल रही उपरोक्त सभी इकाइयों को पूर्ण क्षमता से उत्पादन पर आने में 10 से 15 दिन तक का वक्त लग सकता है। इसको देखते हुए अभी कुछ दिन तक सस्ती बिजली के उपलब्धता में कमी की स्थिति बनी रह सकती है। इसके चलते जहां पीक आवर के समय सिस्टम कंट्रोल को महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी वहीं आपात कटौती की भी स्थिति भी देखने को मिल सकती है।

Shraddha

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