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Sonbhadra News: 365 दिन में 720 घंटे गुल रही बिजली, बभनी-बीजपुर क्षेत्र बना कटौती जोन

लड़खड़ाती विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ने जिले के कई हिस्सों को कटौती जोन बनाकर रख दिया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 July 2021 9:36 AM GMT
Power Substation Nadhira Sonbhadra
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विद्युत उपकेंद्र नधिरा सोनभद्र की फाइल तस्वीर

Sonbhadra News: दीपक तले अंधेरा... की कहावत चरितार्थ होती देखनी हो तो आप उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे सोनभद्र चले आइए। यहां स्थित एनटीपीसी उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम और निजी क्षेत्र के बिजली घर प्रदेश के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों को भले ही रोशन करते हों लेकिन यहां हल्की बारिश-हवा के झोंकों के साथ लड़खड़ाती विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ने जिले के कई हिस्सों को कटौती जोन बनाकर रख दिया है। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, कस्बों को 20 घंटे और गांवों को 18 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के दावे के बीच बभनी-बीजपुर अंचल में 365 दिन में 720 घंटे नदारद रही बिजली ने बत्ती गुल होने का भी एक नया रिकॉर्ड बना डाला है।

प्रदेश में बिजली खपत और मांग जहां दोनों नया रिकॉर्ड बना रही है। वहीं हर दिन हजारों मेगावाट बिजली पैदा कर दुनिया के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र का दर्जा हासिल करने वाले सोनभद्र में ग्रामीण अंचलों की स्थिति विद्युत कटौती का भी एक नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। 365 दिन में 720 घंटे बिजली गायब रहने का दावा हमारा, किसी संस्था या किसी एजेंसी का नहीं है बल्कि यह दावा बभनी और नधिरा विद्युत उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति पाने वाले ग्रामीणों का है। यह स्थिति उस जगह की है, जहां से 20 से 30 किमी की एरिया में एनटीपीसी द्वारा बीजपुर में स्थापित 3000 मेगावाट का उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बिजली घर,अनपरा में स्थापित 2630 मेगावाट का राज्य सेक्टर का सबसे बड़ा बिजली घर स्थापित है।


इसके अलावा लगभग 800 मेगावाट क्षमता वाला रेणुसागर पावर प्लांट, 1200 मेगावाट क्षमता वाला लैंको अनपरा, 2000 मेगावाट क्षमता वाला एनटीपीसी सिंगरौली पावर प्लांट और सिंगरौली पावर प्लांट की बाउंड्री से सटे मध्य प्रदेश की सीमा में स्थापित देश के सबसे बड़े बिजली घर एनटीपीसी विंध्यनगर (4760 मेगावाट) से हर दिन हजारों मेगावाट बिजली पैदा की जाती है। हालत यह है कि बिजली कटौती ने जनसामान्य को तो गुस्सा कर ही रखा है, भाजपा की नीतियों में गहरी आस्था रखने वाले कई युवाओं ने भी इसके लिए बाकायदा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से लंबी ट्वीटर जंग छेड़ी हुई है। हर 15-20 दिन पर कई-कई घंटे, कई कई दिन बिजली गुल होने की स्थिति बन रही है। ऊर्जा मंत्री की तरफ से हो रहे बेहतरी के दावों पर भी यहां के लोग कमेंट कर रहे हैं। लेकिन अधिकारियों के पास फाल्ट आ गया है, जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा। इस तरह के आश्वासन के अलावा अभी तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका है।


चैनपुर निवासी अवधबिहारी ने छेड़ रखी है जंग

बत्ती गुल होने के बाद दगने लगते हैं तीखे सवाल: बभनी और नखरा उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति पाने वाले तमाम लोग शिकायत करते-करते इस स्थिति को नियत मानने पर विवश होने लगे हैं। वहीं चैनपुर निवासी अवध बिहारी यादव ने अधिकारियों से सवाल दागने, ट्विटर, हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने का अभियान छेड़ रखा है। उनका टि्वटर हैंडल भाजपा सरकार की नीतियों में गहरी आस्था दिखाता है। वहीं उनके तीखे सवाल किसी को भी असहज करने के लिए काफी हैं। इसके बावजूद भी विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ पा रहा। रेणुकूट क्षेत्र निवासी अवध दूबे आदि ने भी बत्ती गुल रहने को लेकर ट्विटर वार छेड़ा हुआ है।


मार्च, 2020 से 22 जुलाई 2021 के बीच की यह बताई जा रही स्थिति: लगभग डेढ़ साल से बिजली आपूर्ति के लचर व्यवस्था को लेकर ट्विटर पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों से सवाल दागने में लगे अवध बिहारी के पास मौजूद आंकड़ों पर गौर करें तो तो वर्ष 2020 में 27 मार्च, 2020 से लगभग 30 घंटे, दो अप्रैल 2020 को लगभग 20 घंटे, सात अप्रैल, 2020 को 18 घंटे, 19 अप्रैल, 2020 को 20 घंटे, 27 अप्रैल, 2020 को 15 घंटे, 6 मई, 2020 को पांच दिन (लगभग 120 घंटे), 11 मई, 2020 को 14 घंटे, 18 मई, 2020 को 20 घंटे, दो जून, 2020 को 20 घंटे, छह जून, 2020 को 18 घंटे, 21 जून, 2020 को 24 घंटे (बीच-बीच में एक-एक मिनट के लिए 8-10 बार बिजली आई फिर गुल हो गई), 19 जुलाई, 2020 को 30 घंटे, 11 अगस्त, 2020 को 20 घंटे, 29 अगस्त, को 24 घंटे, 17 सितंबर, को 40 घंटे के लिए बिजली गायब रही।


अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और वर्ष 2021 के जनवरी, फरवरी माह में बाहर रहने के कारण आंकड़ा नहीं रख पाए। 31 मार्च, 2021 को 20 घंटे, 1 अप्रैल, 2021 को 24 घंटे, 22 मई, 2021 को 72, 27 मई, 2021 को 36 घंटे, 19 जून, 2021 को 24 घंटे, 22 जून, 2021 को 30 घंटे, 28 जून, 2021 को 50 घंटे, सात जुलाई 2021 को 24 घंटे, आठ जुलाई, 2021 को 20 घंटे, 10 जुलाई, 2021 को 24 घंटे, 18 जुलाई, 2021 को 20 घंटे, 21 जुलाई, 2021 को 22 घंटे तक लगातार बिजली गुल रही।


बभनी-नधिरा उपकेन्द्र से 180 गांवों को जाती है बिजली

जब भी बभनी विद्युत उप केंद्र की व्यवस्था लड़खड़ाती है तो बभनी, बढोर, सतबहनी, शीशटोला, कूरर, बजिया, छिपिया, इकदीरी, आसनडीह, करचा, रंदह, मचबंधवा, चकसानी, तीरकटवा, पोखरा, महलपुर, दरनखांड़, सागोबांध, झोझवा, खैरा, घघरी सहित 80 गांवों की बत्ती गुल हो जाती है। वहीं म्योरपुर और बीजपुर के बीच स्थित नधिरा विद्युत उपकेंद्र से बत्ती गुल होती है तो इससे जुड़े 100 गांवों में अंधेरे की स्थिति बन जाती है। कुछ दिन पूर्व ही नधिरा उपकेंद्र से लगातार तीन दिन गुल हुई बिजली ने इससे जुड़े गांव के ग्रामीणों को गर्मी से तड़पा कर रख दिया था।

आंधी-बारिश के समय होता है फाल्ट: एक्सईएन

विद्युत वितरण खंड पिपरी के अधिशासी अभियंता शुभेंदु शाह कहते हैं कि आंधी-बारिश के समय फाल्ट आने के कारण बभनी और नजर विद्युत केंद्र की बिजली गुल होती है। क्योंकि दोनों उप केंद्रों की एरिया जंगल से जुड़ी हुई है। इसलिए फाल्ट ढूंढने में परेशानी होती है। जिसके चलते आपूर्ति बहाल करने में थोड़ी देर हो जाती है। आधी बारिश के मौसम के अलावा घंटों बिजली गुल होने की बात गलत है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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