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Sonbhadra: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कोरोना काल में अनाथ हुए 42 बच्चों को दी सहायता, सरकारी लाभ अलग से
सोनभद्र में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कोरोना से अनाथ हुए 40 बच्चों को आर्थिक मदद दी।
सोनभद्र: केंद्रीय हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स एवं पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्री हरदीप एस पुरी ने शनिवार को कोरोना से अनाथ हुए 40 बच्चों को आर्थिक मदद दी। भाजपा कार्यालय पर दोपहर बाद आयोजित कार्यक्रम में मदद की राशि वितरण के बाद पत्रकारों से वार्ता में कहा कि उनके प्रधानमंत्री पीएम मोदी और सरकार दोनों की मंशा है कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण में कोई दिक्कत ना आने पाए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चयनित बच्चों को जिस तरह से आज मदद दी है। इसी तरह वह आगे भी अनाथ बच्चों की मदद के लिए तत्पर रहेंगे। कांवड़ यात्रा और पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों पर किसी तरह के कमेंट से मना करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों के लिए आए हैं और इसी मसले पर बात करना चाहेंगे। इससे पहले उन्होंने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ वार्ता कर जिले के हालात की जानकारी ली और जरूरी निर्देश दिए।
बता दें कि उन्होंने सोनभद्र को गोद लिया हुआ है और इससे पहले कोरोना के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के लिए रसोई गैस सिलेंडर, मास्क, सैनिटाइजर आदि का वितरण कर चुके हैं। इस दौरान मौजूद जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरेंद्र प्रोत्स्यायन ने बच्चों के अभिभावकों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के प्रावधान और इसके तहत दिए जाने वाले लाभ की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत इनको माना जाएगा पात्र और यह दिया जाएगा लाभ
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत 18 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और अनाथ हुए बच्चे के संरक्षक की वार्षिक आय तीन लाख से नीचे हो, उस बच्चे के वैध संरक्षक को चार हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएंगे। जो बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गए हैं उनको विभाग द्वारा संचालित संस्थाओं में रखकर बालिग होने तक पालन-पोषण किया जाएगा। उन्हें कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। वहीं जो अनाथ बच्चे कक्षा 9 और 10 उत्तीर्ण हो जाएंगे, उनको टैबलेट दिया जाएगा। अनाथ बालिकाओं के 18 वर्ष पूर्ण या इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने पर शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये सरकार की तरफ से दिए जाएंगे।