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Sonbhadra News: ये हैं सोनभद्र जिले की बड़ी खबरें, एक क्लिक में जानें पूरा अपडेट
अनपरा थाना क्षेत्र के रणहोर गांव में शुक्रवार की दोपहर लापता युवती का शव पेड़ से लटकता पाए जाने से सनसनी फैल गई।
Sonbhadra News: अनपरा थाना क्षेत्र के रणहोर गांव में शुक्रवार की दोपहर लापता युवती का शव पेड़ से लटकता पाए जाने से सनसनी फैल गई। शव गांव के बाहर पहाड़ी पर स्थित पेड़ से लटकता पाया गया। परिवार वालों ने मौत को संदिग्ध बताया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी भेजने के साथ ही घटना की हर पहलू से जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों के मुताबिक दूधनाथ गुप्ता की 18 वर्षीय पुत्री पूजा गुरुवार की शाम अचानक लापता हो गई। देर तक घर नहीं लौटी तो उसकी तलाश शुरू कर दी गई। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। शुक्रवार की दोपहर गांव के बाहर स्थित पहाड़ी की तरफ कुछ लोग गए तो देखा कि उसका शव पेड़ में लगे फंदे से लटक रहा है। उसने ऐसा कदम क्यूं उठाया? इसका पता नहीं चल पाया है।
परिवार वालों का कहना है कि उसके साथ ऐसा कुछ नहीं था कि जिसकी वजह से वह खुदकुशी जैसा कदम उठाती। मौत संदिग्ध है। हो सकता है उसकी हत्या करने के बाद शव लटका दिया गया हो। पुलिस प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का केस मानकर चल रही है, मौत की असली वजह क्या है? इसके लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि संदर्भित प्रकरण में अनपरा पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। मौके पर जो भी परिस्थितियां मिली हैं, उसके अनुरूप वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
किशोरी को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोपी गिरफ्तार
Sonbhadra News: करमा थाना क्षेत्र के रहने वाली एक किशोरी को बंधक बनाकर मिर्जापुर के युवक द्वारा दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता को बरामद करने के साथ ही पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार एक सप्ताह पूर्व करमा थाना क्षेत्र से एक 16 वर्षीय किशोरी के लापता होने का मामला प्रकाश में आया था। उसके पिता ने उसे अगवा किए जाने की संभावना जताते हुए पुलिस को तहरीर दी थी। इस पर अपहरण का मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू कर दी गई थी। बताते हैं कि किशोरी को मिर्जापुर जिले के एक थाना क्षेत्र से दो दिन पूर्व बरामद कर लिया गया। इसके बाद उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर शुक्रवार को आरोपित राजकुमार पुत्र किशोरी निवासी हनुमान पड़रा, थाना कोतवाली देहात को सुबह 8:30 बजे के करीब करमा थाना क्षेत्र के सहदेइया बैडाड़ तिराहा से गिरफ्तार कर लिया गया।
पीड़िता से पूछताछ में पता चला कि उसे एक कमरे में बंधक बनाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। इसको संज्ञान में लेते हुए अपहरण में दर्ज मुकदमे को शुक्रवार को नाबालिक के साथ दुराचार में तरमीम कर आगे की विवेचना शुरू कर दी गई। थानाध्यक्ष करमा प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि धारा 366A, 376 भादवि और 3/4 पास्को एक्ट के तहत आरोपी का चालान किया गया है।
उभ्भा कांड की बरसी पर सुरक्षा के अभेद्य प्रबंध, गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक
Sonbhadra News: घोरावल क्षेत्र के उभ्भा गांव में वर्ष 2019 में 17 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष और उसमें 11 आदिवासियों की मौत की बरसी की पूर्व संध्या पर प्रशासन (शुक्रवार से) सतर्क हो गया है। कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के लोगों की संभावित आवाजाही के साथ ही अन्य बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोकने के लिए गांव में जाने वाले सभी रास्तों पर बैरियर स्थापित कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए है। खूनी संघर्ष में जान गवांने वाले आदिवासियों की याद में गोंडवाना लैंड पार्टी द्वारा प्रस्तावित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए भी प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। 2019 में जमीनी विवाद को लेकर यहां हुए खूनी संघर्ष पर राष्ट्रीय स्तर की सियासत का केंद्र बन गया था।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जहां उभ्भा कांड के मसले पर केंद्र और प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की थी। वहीं धरना प्रदर्शन कर भी आवाज उठाई गई थी। वह उभ्भा भी जाना चाहती थीं लेकिन प्रशासन ने उन्हें मिर्जापुर की सीमा से आगे बढ़ने नहीं दिया। कई दिनों तक इस मसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर रहीं। अन्य दलों ने भी इस पर खूब सियासी रोटियां सेंकीं। घटना का सियासी फायदा उठाने के लिए, प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद के नाम पर भी कांग्रेस और सत्ता पक्ष में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ तक लग गई। स्थिति को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ग्रामीणों के आंसू पोछने पहुंच गए थे।
कई दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय जगत की सुर्खियों में छाए रहने वाले उभ्भा कांड की बरसी पर किसी तरह की असहज स्थिति न उत्पन्न कर दें, इसके लिए प्रशासन पूर्व संध्या पर ही अलर्ट हो गया है। गांव में शांति व्यवस्था के लिए घटना के बाद ही जहां पुलिस चौकी स्थापित कर दी गई थी। वहीं शुक्रवार की शाम तक यहां लगभग 200 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। दोपहर की तीखी धूप, सुरक्षा प्रबंध में किसी तरह की ढील देने का सबब न बनने पाए, इसके लिए प्रशासन की तरफ से बैरियरों के पास भी टेंट लगाए गए है। घटनास्थल के ठीक पास भी टेंट लगाकर वहां श्रद्धांजलि या प्रदर्शन की संभावना को रोकने का पूरा प्रयास किया गया है।
कुछ इस तरह की गई है सुरक्षा की व्यूह रचना
उभ्भा गांव में पहुंचने के लिए मुख्यतः चार रास्ते हैं। शनिवार को इन रास्तों पर गांव के लोगों के अलावा दूसरों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। वहींं संभावित आवाजाही रोकने के लिए कन्हारी मोड़, मगरहा नाले के पास से होकर निकलने वाले रास्ते, वन चौकी और मूर्तियां बंधी के पास वाले रास्ते पर बैरियर लगा दिया गया है। यहां सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और पीएसी के जवानों की मौजूदगी रहेगी। बीच-बीच में प्रशासनिक अधिकारी भी बैरियरों पर मौजूद रहकर स्थिति का जायजा और सुरक्षा की निगरानी में लगे रहेंगे।
गांव के भीतरी हिस्से में भी जगह जगह पुलिसकर्मी को तैनाती दी गई है। घोरावल तहसील मुख्यालय से उभ्भा गांव तक के रास्ते में जगह जगह पुलिसकर्मी तैनात नजर आएंगे। गांव से उन्हीं ग्रामीणों को बाहर आने-जाने की इजाजत होगी, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत होगी। शेष लोगों से अपने घर पर ही बने रहने की अपील की गई है। बता दें कि उभ्भा कांड के समय पुलिस और प्रशासन की कई ग्रामीणों के साथ घेरेबंदी तोड़कर प्रियंका गांधी तक पहुंचने वाले रामराज गोंड़ को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बना दिया गया है।
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी सियासी गर्माहट बढ़ने लगी है। ऐसे में उभ्भाकांड की बरसी पर सियासी माहौल गरमाने के साथ कोई अप्रिय स्थिति न बन जाए, इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है। उधर, एसडीएम जैनेंद्र सिंह का कहना है कोरोना एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए श्रद्धांजलि की अनुमति के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया है। पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है। गांव में जाने वाले सभी रास्तों पर बैरियर लगा दिए गए हैं। किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर शनिवार की रात तक पाबंदी बनी रहेगी।