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इन राज्यों में भीषण हुआ कोयला संकट, मंत्री की बिजली बचाने की देशवासियों से की अपील

कोयला संकट ने उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हाहाकार की स्थिति मचा रखी है। पंजाब और राजस्थान की स्थिति सबसे खराब बताई जा रही है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 14 Oct 2021 12:28 PM GMT (Updated on: 14 Oct 2021 1:56 PM GMT)
Coal crisis in india
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कभी भी गुल हो सकती है आपकी घर की बिजली, क्या रोशनी में मनेगा इस बार दिवाली (social media)

Sonbhadra: कोयला संकट (Koyla Sankat) के चलते यूपी सहित पूरे देश में बिजली (Bijli Sankat) को लेकर संकट के हालात बिगड़ रहे हैं। महज उत्तर प्रदेश में 17 परियोजनाएं कोयला संकट (Bijli Sankat in UP) से जूझ रही हैं। बताया जा रहा है कि 17 में छह परियोजनाओं का कोयला स्टाक न्यूनतम स्तर पर (स्टाक में एक दिन का भी कोयला नहीं बचा) पहुंच गया है।

हालात को देखते हुए ऊर्जा मंत्री ने लोगों से अपील की है कि रात्रिकालीन निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु सरकार 17 रुपये प्रति यूनिट की महंगी बिजली खरीद रही है। अनावश्यक विद्युत उपकरणों का प्रयोग न कर, बिजली बचाएं ताकि गांव व गरीब को भी पर्याप्त बिजली (Bijli Sankat in UP) मिले।

सभी परियोजनाओं में स्थिति संवेदनशील

लगभग एक पखवाड़े से उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कोयला संकट (Koyla Sankat) गहराया हुआ है इसके चलते यूपी, राजस्थान और पंजाब में लगातार हाय तौबा की स्थिति बनी हुई है। ₹17 प्रति यूनिट बिजली खरीदी जाने के बावजूद बुधवार की रात पीक आवर में यूपी के सिस्टम कंट्रोल को 700 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी।

उधर, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की तरफ से कोयला स्टाक को लेकर बृहस्पतिवार को आए नए अपडेट में बताया गया है कि यूपी के 19 परियोजनाओं में NTPC Rihand और NTPC Singrauli की स्थिति बेहतर है। शेष सभी परियोजनाओं में संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थिति (Bijli Sankat in UP)बनी हुई है।

इसमें जानकारी दी गई है कि छह परियोजनाएं ऐसी हैं जहां एक दिन का भी कोयला स्टाक(Koyla Sankat) नहीं बचा है। वहीं शेष बची 11 परियोजनाओं में भी अधिकांश में किसी के पास एक दिन, किसी के पास दो दिन तो किसी के पास तीन दिन का ही कोयला स्टाक है


राज्य सेक्टर की सबसे सस्ती बिजली देने वाली 2630 मेगावाट वाली अनपरा परियोजना में दो दिन का कोयला स्टाक बने रहने का दावा पिछले पांच दिन से किया जा रहा है, लेकिन बृहस्पतिवार को जहां परियोजना की सभी इकाइयां कम लोड पर चलाई गईं। वही दोपहर बाद तीन बजे के करीब 210 मेगावाट वाली इकाई बंद हो गई।

मुख्य महाप्रबंधक आरसी श्रीवास्तव का कहना है कि इकाई के बंद होने का कारण कोयला संकट (koyla sankat in india) नहीं बल्कि तकनीकी दिक्कत है। उधर 1200 मेगावाट क्षमता के लैंको परियोजना की 600 मेगावाट वाली एक इकाई बंद रहने से लैंको का कोयला स्टाक(Koyla Sankat) बढ़कर तीन से चार दिन हो गया है लेकिन केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तरफ से अभी इस परियोजना को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है।

पंजाब राजस्थान में मचा हुआ है हाहाकार

कोयला संकट(Koyla Sankat) ने उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हाहाकार की स्थिति मचा रखी है। पंजाब और राजस्थान की स्थिति सबसे खराब बताई जा रही है। नार्दन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार पीकआवर के समय उत्तर प्रदेश में 19117 मेगावाट मांग पहुंचने पर 700 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी।

वहीं राजस्थान में 8835 मेगावाट मांग पहुंचने की दशा में 3090 मेगावाट की आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा। इसी तरह, पंजाब में 7579 मेगावाट मांग पहुंचने पर 600 मेगावाट की आपात कटौती (koyla sankat in india) कर ग्रिड की स्थिति नियंत्रित की गई।

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Vidushi Mishra

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