Kolkadi case: कोलकाड़ी का मामला पहुंचा HC, डीएम सहित पांच किए गए तलब

Kolkadi case: कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए 12 नवंबर 2020 के आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Ragini Sinha
Published on: 26 Sep 2021 8:59 AM GMT
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Kolkadi case: कोलकाड़ी का मामला पहुंचा HC (Social Media) 

Kolkadi case: सोनभद्र के घोरावल तहसील क्षेत्र के कोलकाड़ी गांव में 93 बीघे जमीन को बंजर खाते में दर्ज करने का मामला एक बार फिर से हाईकोर्ट पहुंच गया है। आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक और कब्जे को लेकर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का पालन न किए जाने की बात कहते हुए अवमानना याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट की बेंच ने इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम सहित पांच को सुनवाई के लिए तलब कर लिया है।

ग्राम समाज के खाते में दर्ज करने का आदेश दिया

घोरावल तहसील क्षेत्र के कोलकाड़ी का मामला एक साल से भी अधिक समय से गरमाया हुआ है। उभ्भा कांड के बाद जमीनों पर कथित रूप से गलत तरीके से दर्ज नामों को खारिज करने को लेकर चलाए गए अभियान के तहत पिछले वर्ष तत्कालीन अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने उप निदेशक चकबंदी की हैसियत से राज्य सरकार की तरफ से दाखिल रिवीजन का संज्ञान लेकर, विभूतिनारायण सिंह आदि के नाम दर्ज 93 बीघे जमीन को बंजर खाते का होने का निर्णय देते हुए, उसे ग्राम समाज के खाते में दर्ज करने का आदेश दिया था।


1961 को मामले का निपटारा कर उनके हक में फैसला सुना

उक्त आदेश को गत जनवरी माह में विभूतिनारायण और नौ अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी। वहां न्यायमूर्ति अजय भनोट (Ajay Bahnot)की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि राजस्व अदालत ने विगत 29 अप्रैल 1961 को ही मामले का निपटारा कर उनके हक में फैसला सुना दिया था। उक्त आदेश के 69 वर्ष बाद राज्य सरकार की तरफ से रिवीजन दाखिल किया जा रहा है जो विधिक रुप से सही नहीं है। बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 12 नवंबर 2020 के आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।

कब्जे में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से भी रोका गया था। याची के अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि आदेश के पालन में हिलाहवाली पर पूर्व में याची रहे रिपुंजय सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। वहां न्यायमूर्ति अजीत कुमार (Ajit Kumar) की बेंच ने डीएम तत्कालीन एसडीएम तत्कालीन तहसीलदार सहित पांच को नोटिस जारी कर तलब किया है।

Ragini Sinha

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