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Sonbhadra News: सोनभद्र में कागजों पर डकार ली हरियाली, न किया पौधरोपण, सत्यापन में सच आया सामने
Sonbhadra News: सोनभद्र में पर्यावरण संरक्षण बड़ा मसला बना हुआ हैं। वहीं, दूसरी तरफ वनों के घटते दायरे चिंता का विषय बने हुए हैं।
Sonbhadra News: एक तरफ जहां सोनभद्र में पर्यावरण संरक्षण बड़ा मसला बना हुआ हैं। वहीं, दूसरी तरफ वनों के घटते दायरे चिंता का विषय बने हुए हैं। बावजूद कागजों पर पौधरोपण कर लाखों डकारने का सिलसिला जारी है। ऐसा ही मामला बभनी ब्लाक क्षेत्र (Babhni Block Area) की दो ग्राम पंचायतों में सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
बताते हैं कि आचार संहिता लागू (code of conduct implemented) होने से पूर्व वर्ष 2020-21 में मनरेगा कोटे से कराए गए कामों के सत्यापन के क्रम में टीम जब संबंधित ग्राम पंचायतों में पहुंची तो पौधरोपण या उस स्थल पर कोई पेड़ मिलना दूर, पौधरोपण के लिए खोदे गए गड्ढों तक को ढूंढ़ती रह गई।
अब जब इसको लेकर किए गए सत्यापन की रिपोर्ट अधिकारियों के टेबल पर पहुंच गई है और कथित धनराशि के रिकवरी को लेकर प्रक्रिया भी अपनाए जाने की बातें सामने आने लगी हैं तो अन्य ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले पौधरोपण पर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं पौधरोपण से जुड़े जिम्मेदार, अभी भी पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।
कार्यों का ग्रामीणों की मौजूदगी में किया सत्यापन
बताते हैं कि ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) की तरफ से भेजी गई टीम ने गत दिसंबर माह में बभनी के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा से कराए गए कार्यों का ग्रामीणों की मौजूदगी में सत्यापन किया। इस दरम्यान टीम बभनी ब्लाक (Babhni Block Area) के जिगनहवा और घघरी ग्राम पंचायत में कराए गए पौधरोपण का जायजा लेने पहुंची तो वहां जो स्थितियां दिखीं, वह टीम के साथ ही ग्रामीणों को भी हैरत में डालने वाली रहीं।
सूत्र बताते हैं कि रिकर्ड के मुताबिक जिगनहवा में साप्ताहिक बाजार के पास अच्छी-खासी लागत से पौधरोपण किया जाना बताया गया था, लेकिन जब टीम इसके सत्यापन के लिए मौके पर पहुंची तो वहां न कोई पौधा मिला, ना ही पेड़। सत्यापन के दौरान मौजूद ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी कोई जवाब नहीं दे पाए।
वन विभाग की तरफ से कराया गया पौधरोपण
इसी तरह घघरी में रिकर्ड से जानकारी मिली कि वन विभाग (Forest department) की तरफ से यहां पौधरोपण कराया गया है, लेकिन जब टीम दर्शाए गए स्थल पर पहुंची तो वहां देखा कि न तो कोई पौधे हैं, ना ही पौधरोपण के लिए वन विभाग (Forest department) की तरफ होने वाली गड्ढों की खुदाई ही कहीं मौजूद है। बताते हैं कि इसको लेकर सत्यापन रिपोर्ट भी विकास विभाग को सौंपने के साथ ही इससे जुड़ी मनरेगा के प्रादेशिक सेल को भी उपलब्ध करा दी गई है। आचार संहिता (code of conduct implemented) खत्म होने के बाद, इस मामले में बड़ी कार्रवाई भी सामने आ सकती है।
वहीं, एडीओ पंचायत बभनी काशीराम ठाकुर (ADO Panchayat Babhani Kashi Ram Thakur) का कहना था कि मनरेगा से जुड़े कार्यों की निगरानी सीधे बीडीओ (BDO) करते हैं। इसलिए इस बारे में जानकारी वहीं दे सकते हैं।
वन क्षेत्राधिकारी बभनी ने ये कहा
वहीं, वन क्षेत्राधिकारी बभनी अवध नारायण मिश्र (Forest Officer Babhani Awadh Narayan Mishra) का कहना था कि टीम कब आई और कब सत्यापन की, इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं मालूम। उन्हें बगैर साथ लिए सत्यापन किया गया है, इसलिए वह इस कथित रिपोर्ट को नहीं मानते। वहीं बीडीओ रवि कुमार (BDO Ravi Kumar) का कहना था कि अगर इस संबंध में उनके पास कोई रिपोर्ट या निर्देश आता है तो विभागीय नियमों के मुताबिक जो भी कार्रवाई बनती होगी, वो की जाएगी।
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