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Sonbhadra News: सोनभद्र में पर्यावरण मानकों के उल्लंघन पर कार्रवाई, 8 परियोजनाओं पर करोड़ों का जुर्माना
Sonbhadra News: सोनभद्र की आठ बिजली परियोजनाओं पर 6.57 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र मे पर्यावरण मानकों के उल्लंघन पर कार्रवाई
Sonbhadra News: परियोजनाओं में बिजली के लिए कोयला जलाने के बाद निकलने वाली राख के निस्तारण सहित अन्य मसलों पर पर्यावरण मानकों की अनदेखी को लेकर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। इसके लिए जहां सोनभद्र (Sonbhadra) की आठ बिजली परियोजनाओं पर 6.57 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई है। वहीं, ओवरसाइट कमेटी (Oversight Committee) की तरफ से इसके वसूली की, की गई सिफारिश पर NGT की तरफ से जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
ओवरसाइट कमेटी की तरफ से दी ये रिपोर्ट
ओवरसाइट कमेटी (Oversight Committee) की तरफ से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दिनों केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण, बोर्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने जिले की परियोजनाओं और राख निस्तारण आदि का निरीक्षण किया तो पाया कि एनटीपीसी शक्तिनगर (NTPC Shaktinagar) से निकलने वाली राख ऐशडैम से होते हुए रिहंद जलाशय में जा रही है। इसको पर्यावरण क्षति मानते हुए 27.60 लाख रुपये पेनाल्टी तय की गई।
इन परियोजनाओं पर निर्धारण किया पेनाल्टी
वहीं, अनपरा परियोजना (Anpara Project) को ट्रीट किए गए पानी के दोबारा उपयोग सहित अन्य निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन न पाए जाने पर और आसपास वायु प्रदूषण की स्थिति खराब मिलने पर एक करोड़ 36 लाख 80 हजार की पेनल्टी लगाई गई है। राख के सुरक्षित निस्तारण में पूरे जिले में अव्वल रेणुसागर की तरफ से भी पर्यावरण नियमों का उल्लंघन और वायु प्रदूषण की स्थिति खराब मिलने पर 27.60 लाख रुपये की पर्यावरण क्षतिपूर्ति तय की गई है।
वहीं, लगातार निर्देश के बावजूद रेणुका नदी (Renuka River) में ओबरा परियोजना (Obra Project) से राख का प्रवाह बंद न होता देख एक करोड़ 36 लाख 80 हजार की पेनाल्टी का निर्धारण किया गया है। लैंको परियोजना (Lanco Project) को पाइपलाइन से प्रवाहित की जाने वाली राख को मापने के लिए दिए गए निर्देश के बाद भी अभी तक एक प्रवाह मीटर स्थापित न किए जाने को लेकर चिंता जताई गई है और हर हाल में अगली विजिट से पूर्व इसे स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उधर, एनसीएल की दुधीचुआ परियोजना (Dudhichua project of NCL) की तरफ से लगातार अनुपचारित अपशिष्ट को बलिया नाला में छोड़ने और इसे रिहंद जलाशय में जाने की स्थिति को देखते हुए, परियोजना के खिलाफ एक करोड़ 36 लाख 80 हजार पर्यावरण मुआवजे का निर्धारण किया गया है। एनसीएल की ककरी परियोजना (Kakri Project of NCL) से निकलने वाले अनुपचारित अपशिष्टों को तालाब से ओवरफ्लो होकर नाले के जरिए रिहंद जलाशय तक पहुंचने को भी गंभीरता से लिया गया है और 27.60 लाख की पेनाल्टी तय की गई है। एनसीएल की खड़िया कोल परियोजना (Khadia Coal Project of NCL) से निकलने वाले अवशिष्टों का भी प्रवाह रिहंद जलाशय में पाए जाने पर 27.60 लाख पर्यावरण क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया गया है।
एनजीटी से मिले दिशा निर्देश का पालन कराया जाएगा
हिण्डालको (Hindalco) की रेणुकूट स्थित एल्युमिनियम परियोजना (Aluminum Project) के खिलाफ भी पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का मामला पाया गया है और पर्यावरण क्षतिपूर्ति की धनराशि एक करोड़ 36 लाख 80 हजार तय करते हुए वसूली की सिफारिश की गई है। उधर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी टीएन सिंह (Regional Pollution Control Officer TN Singh) का कहना है कि इस संबंध में एनजीटी से मिले दिशा निर्देश का पालन कराया जाएगा।
155 करोड़ से ज्यादा निर्धारण किया गया पर्यावरण मुआवजा: NGT
रिपोर्ट में बताया गया है कि एनजीटी (NGT) के निर्देश के क्रम में तीन सदस्यीय समिति रासायनिक कचरे के असुरक्षित निस्तारण और भंडारण को लेकर 155 करोड़ 42 लाख रुपये के पर्यावरण मुआवजा का निर्धारण पहले ही कर चुकी है। इससे राहत के लिए परियोजना की तरफ से सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल की गई है जो विचाराधीन है। टीम ने रिपोर्ट में बताया है कि परियोजना को खुले गड्ढों में पड़े रसायन युक्त कीचड़ को जल्द सुरक्षित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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