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Sonbhadra: सौ से ज्यादा ग्राम पंचायतों से सामने आया मनरेगा का घोटाला, लाखों की बंदरबांट, रिकवरी की तैयारी तेज
Sonbhadra News: 2007 से वर्ष 2010 के बीच मनरेगा में हुए 300 करोड़ के घोटाले को लेकर सीबीआई के राडार पर आ चुके सोनभद्र में अभी भी मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ियां बरतने का क्रम जारी है।
Sonbhadra News : वर्ष 2020-21 में मनरेगा (MNREGA) कराए गए कार्यों को लेकर जिले की 629 ग्राम पंचायतों में से महज आधी ग्राम पंचायतों में ही हुए भौतिक सत्यापन में, कार्यस्थलों पर लगाए जाने वाले बोर्ड-दीवार लेखन में बड़ा घपला (Big scam caught in board wall writing) पकड़ा गया है। 114 ऐसी ग्राम पंचायतें (MNREGA scam caught in 114 gram panchayats) पाई गई हैं, जहां कार्यस्थलों पर बगैर बोर्ड लगाए, बगैर दिवार लेखन किए और बगैर इसकी एमबी कराए ही भुगतान की फाइल तैयार कर ली गई।
वहीं लाखों का भुगतान भी ले लिया गया। चुनावी आचार संहिता लगने से पूर्व उन गांवों में ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) से कार्यों के सत्यापन के लिए भेजी गई टीम ने जब हकीकत देखी तो माथा पकड़ कर बैठ गई। यह स्थिति तब है, जब आचार संहिता (Achar sahita) लागू होने के कारण, अभी चार ब्लाकों में ही कायदे से सत्यापन का कार्य हो पाया है। शेष ब्लाकों की क्या स्थिति होगी? अंदाजा लगाया जा सकता है।
मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ियां
वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच मनरेगा में हुए 300 करोड़ के घोटाले (300 crore scam) को लेकर सीबीआई (CBI) के राडार पर आ चुके सोनभद्र (sonbhadra) में अभी भी मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ियां बरतने का क्रम जारी है।
सूत्रों के मुताबिक जिले के लगभग आधी ग्राम पंचायतों में हुए सत्यापन कार्य की जो स्थिति सामने आई है, उसमें चतरा ब्लाक के 25, बभनी ब्लाक के 24, म्योरपुर ब्लाक के 25, नगवां ब्लाक के 33 और राबटर्सगंज ब्लाक की सात ऐसी ग्राम पंचायते हैं, जहां या तो सभी कार्यों पर बोर्ड नहीं मिला है, या फिर तीन से पांच कार्यों के बोर्ड नदारद मिले हैं।
कई ग्राम पंचायतों में एक-एक बोर्ड का 44 सौ से लेकर पांच हजार तक का भुगतान भी ले लिया गया है। इसी तरह कई ग्राम पंचायतों में बगैर दीवार लेखन के ही डेढ़ हजार भुगतान की फाइल बना ली गई है। कई ने भुगतान भी ले लिया है। उधर, उपायुक्त मनरेगा शेषनाथ चौहान का कहना है कि सत्यापन में जो गड़बड़ियां पकड़ी गई हैं, उसके रिकवरी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
स्वयं सहायता समूहों से आपूर्ति, फिर भी गड़बड़ी पर उठ रहे सवाल
जिले के सभी ब्लाकों में मनरेगा के कार्यस्थलों पर लगाए जाने वाले बोर्ड की आपूर्ति ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह से कराई जा रही है। इसका बड़ा निगरानी तंत्र है, फिर भी गड़बड़ी पर कई ग्राम पंचायतों में कागज पर ही बोर्ड लगाया जाना दिखा भुगतान लेने का आरोप लगाया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि इस खेल में ग्राम पंचायत से लेकर ब्लाक तक के लोग शामिल हैं। हालांकि निगरानी से जुड़े लोगों का कहना है कि कार्यस्थलों पर लोग बोर्ड तोड़ दे रहे हैं, उठा ले जा रहे हैं, इसलिए उसे सुरक्षित रखा गया है। इस बारे में उपायुक्त एनआरएलएम अरूण जौहरी से भी वार्ता का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने अपने को मीटिंग में व्यस्त बताया।
इन-इन गांवों में पकड़ी गई है गड़बड़ी
चतरा ब्लाक के करमांव, किचार, बनौली, भीखमपुर, गुल्लीडांड़, कोरियांव, नरोखर, पड़री खुर्द, संडी, सौली, करौंदिया, भुसौलिया, जगदीशपुर, किरहुलिया, नेवारी, पड़रीकला, सेहुआं, बिरधी, खड़ुई, बरइल, बभनगवां, बगही, चपइल, लेड़ुआ, तियरा।
बभनी ब्लाक के भवर, चैना, घघरा, बैना, चकचपकी, अरझट, धनवार, कोंगा, चैनपुर, रंदह, बरवाटोला, हथियार, पोखरा, संवरा, बभनी, चपकी, आसनडीह, बरवाटोला क, धनखोर, गोहड़ा, करमघट्टी, बजिया, लांबी, भिसुर। राबटर्सगंज ब्लाक के कुरहुल, महुआंव, बेलछ, छपका, गौरही, कूरा, हरथर।
नगवां ब्लाक के कम्हरिया, नगवां, रामपुर, चकया, पिंडारी, पनिकप खुर्द, बनबहुआर, दूबेपुर, खलियारी, नगांव, चेरूई, बांकी, दरेंव, बरहमोरी, झरना, पल्हारी, सरईगाढ़, सोमा, बिजवार, मझुई, मरकुड़ी, पनौरा, सेमरिया, आमडीह, चननी, डोरिया, गोटीबांध, खोड़ैला, पड़री, रइया, तेनुआ, वैनी, पनिकप कला। म्योरपुर ब्लाक के किरवानी, सेंदूर जरहां, डोरहर, खम्हरिया, आरंगपानी, बनमहरी, डड़िहरा, काचन, कुदरी, महुली, नवाटोला, परनी, रजमिलान, सांगोबांध, देवरी, लौबंद, बभनडीहा, किरविल, मुर्धवा, नधिरा, पखना, रासपहरी, रनटोला, देवहार पूर्वी, कुसुम्हा।