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Sonbhadra News: BJP प्रत्याशी भूपेश चौबे का वीडियो वायरल होने के बाद आज सच आया सामने
इसको लेकर विपक्षी दलों के लोग निशाना साधने में लगे हुए हैं। भाजपा के लोग इसे पार्टी का संस्कार और प्रत्याशी की सरलता बता रहे हैं।
Sonbhadra News: जैसे-जैसे मतदान की तिथियां नजदीक आती जा रही हैं। वैसे-वैसे आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होने के साथ, मतदाता भी मुखर होने लगे हैं। जिले की अन्य सीटों की हालातों को लेकर लोग जहां अपने-अपने तरीके से आकलन करने में लगे हुए हैं। वहीं राबटर्सगंज विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक भूपेश चैबे का अपने कार्यकर्ताओं से जाने-अनजाने हुई भूल के लिए उठक-बैठक कर क्षमा याचना और चुनाव प्रचार के दौरान बुजुर्ग मतदाता के पैरों की मालिश कर आशीर्वाद पाने की जुगत पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है।
इसको लेकर विपक्षी दलों के लोग निशाना साधने में लगे हुए हैं। भाजपा के लोग इसे पार्टी का संस्कार और प्रत्याशी की सरलता बता रहे हैं। वहीं, अब मतदाता भी सामने आकर, इस पर खुलकर राय रखने लगे हैं।
राबटर्सगंज में दवा व्यवसाय करने वाले उमाशंकर मालवीय कहते हैं कि यह भूपेश का स्वभाव है। वह हमेशा से सरल रूप में सामने आते रहते हैं। कभी गमछा बांधकर आम व्यक्ति के बीच, उनके साथ बैठे नजर आने का मामला हो या जाने-अनजाने हुई भूल के जरिए कार्यकर्ताओं से क्षमायाचना करना उनके लिए कोई बड़ा मसला नहीं हैं।
वह, किसी भी जाति-पाति के बुजुर्ग हों, उनका सम्मान भी करते हैं। एक सामान्य व्यक्ति की तरफ जाति-पाति से परे हटकर किसी के साथ भी सहजता से जमीन पर बैठना, उनके दुख-सुख में शामिल होना उनका स्वभाव रहा है।लेकिन इन दिनों उनके सरल व्यवहार को राजनीतिक हथियार बनाया जाने लगा है।
यह प्रवृत्ति गलत है। कुछ यहीं बात राबटर्सगंज निवासी अभयराज सिंह का भी कहना है। वह कहते हैं कि भूपेश जब विधायक नहीं थे, तब भी उतने ही सरल थे। उनका लोगों में सहजता से उठना-बैठना, आप जहां बैठे हों, वहीं और उसी हालत में बैठकर उनसे बातचीत करना, यह उनका सामान्य व्यवहार रहा है। विधायक होने के बावजूद उनकी सरलता बने रहना और उनमें अहंकार न आना, यह एक बड़ी बात है।
कहा कि जहां पद पाने के लिए अधिकांश लोगों के पांव जमीन पर नहीं पड़ते, वहीं भूपेश चैबे सामान्य व्यक्ति की तरह, आज भी सामान्य तरीके से कहीं भी टहलते, किसी के साथ बैठे और बातचीत करते नजर आ जाएंगे। उनके व्यवहार को राजनीतिक लोगों द्वारा मुद्दा बनाने के सवाल पर कहा कि चुनाव का दौर है, लोग एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए बहाना खोजते हैं लेकिन भूपेश के लिए उनकी सहजता और सरलता ही उनकी ताकत है।
वहीं, भाजपा नेता आकाश जायसवाल कहते हैं कि हम उस पार्टी से जुड़े हुए हैं, जिसमें लोगों के साथ शिष्टाचार में रहना और अनुशासन का पालन करना सिखाया जाता है। जहां तक विधायक भूपेश द्वारा कार्यकर्ताओं से क्षमा याचना या चुनाव प्रचार के दौरान बुजुर्ग की सेवा-सुश्रुषा का मसला है तो मैं भूपेश को दस वर्षों से करीब से जानता हूं। हमेशा से यह उनका व्यवहार रहा है। जब हम मंदिर जाते हैं तो वहां अपनी जाने-अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं। उसी तरह उन्होंने देवतुल्य कार्यकर्ताओं से जाने-अनचाने हुई भूल के लिए क्षमा मांगी थी और आगे से भी कोई गलती न होने पाए, इसका ख्याल रखने की बात कही थी।
कहा कि विरोधी उनके सहज व्यवहार को राजनीतिक स्टंट बना रहे है। जबकि वह सहज तरीके से कभी-किसी के घर जाते हैं तो झुककर आशीर्वाद मांगना, बुजुर्ग हैं तो उनके साथ कुछ क्षण बिताना, उनका पैर दबाकर, शरीर में दिक्कत है तो दवा लगाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करना, उनकी प्रवृत्ति रही है।