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Sonbhadra News: 14 वर्ष तक बंधुआ मजदूर बना रहा चंदन, ट्रक ड्राइवर की मदद से पहुंचा घर

चोपन थाना क्षेत्र के गुरमा नगर पंचायत स्थित आदिवासी बस्ती का युवक 14 वर्ष तक इंदौर के पास स्थित कथित महाकाल होटल में बंधुआ...

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Raj
Published on: 1 Sept 2021 6:06 PM IST
Chandan with his family member
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परिवार के लोगों के साथ चंदन

Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के गुरमा नगर पंचायत स्थित आदिवासी बस्ती का युवक 14 वर्ष तक इंदौर के पास स्थित कथित महाकाल होटल में बंधुआ मजदूर बना रहा। महज 10 साल की उम्र में काम के बहाने वहां ले जाकर बेच दिया गया था। उसके बाद परिवार वालों को लापता होने की सूचना दे दी गई। परिवार के लोगों ने गुमशुदगी भी दर्ज कराई हुई थी लेकिन लंबे समय तक उसके बारे में कोई जानकारी न मिलने के कारण, उसके मिलने की उम्मीद खो बैठे थे। लेकिन मंगलवार की रात कंधे पर बैग लटकाए अचानक से वह घर पहुंचा तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें हैरत से फटी रह गईं।


चंदन,चौदह साल बाद अपने घर लौटा


परिवार के लोगों के मुताबिक चंदन पुत्र बिशेश्वर वर्ष 2007 में आदिवासी बस्ती के ही दो लोगों के साथ काम करने के लिए निकला हुआ था। मारकुंडी मीना बाजार का ही एक व्यक्ति उसे काम के लिए लेकर गया था। कुछ दिनों बाद वापस आकर परिवार के लोगों को बताया कि वह रास्ते में कहीं लापता हो गया। इसके बाद परिवार वालों के साथ जाकर चोपन थाने में गुमशुदगी भी दर्ज करवाई। उसके बाद परिवार के लोगों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं चला। एक लंबा समय गुजर जाने के बाद उसके मिलने की उम्मीद छोड़ दी लेकिन जब अचानक से मंगलवार की रात चंदन घर आ गया तो परिवार वालों के साथ ही नात-रिश्तेदार के लोग भी खुशी से झूम उठे। रात से लेकर बुधवार शाम तक चंदन से मिलने के लिए उसके परिवार के रिश्तेदारों के पहुंचने का सिलसिला बना रहा।

सोनभद्र के एक ट्रक ड्राइवर की मदद से बंधुआ बना युवक पहुंचा घर

14 वर्ष से बंधुआ मज़दूरी का जीवन जी रहा चंदन भी घर लौटने की उम्मीद खो चुका था। उसकी बातों पर यकीन करें तो जिस होटल पर उसे ले जाकर बेचा गया था। वह रात में ही संचालित किया जाता था। दिन में उसके साथ ही अन्य बंधुआ मजदूरों को होटल के पिछले हिस्से में कैद रखा जाता था। सोमवार की रात एक ट्रक ड्राइवर उसके होटल पर पहुंचा तो उसे सोनभद्र की भाषा बोलता देख, उसने उससे बात करनी शुरू कर दी। उस समय होटल मालिक कहीं बाहर गया हुआ था। इसका फायदा उठाकर उसने सोनभद्र निवासी ट्रक ड्राइवर से अपनी पूरी व्यथा बताई।

उसके दुख भरी कहानी सुनकर ड्राइवर का भी दिल पसीज गया और उसने कुछ देर बाद वाहन स्टार्ट करने की बात कही। उसे सलाह दी कि जैसे ही वह वाहन स्टार्ट कर आगे बढ़ाएगा, वह जिस भी हालत में होगा, दौड़ता हुआ आकर उसकी केबिन में चढ़ जाएगा। चंदन ने ऐसा ही किया और उसके केबिन में चढ़ते ही ड्राइवर ने गाड़ी तेज गति से दौड़ा दी। सोमवार की पूरी रात और मंगलवार को पूरे दिन का सफर करके दोनों राबर्टसगंज पहुंचे। ड्राइवर ने यहां उसे उतारकर खाना खिलाया। इसके बाद बस में बैठा कर मारकुंडी भेज दिया और स्वयं अपने गंतव्य की तरफ चलता बना। चंदन को जिस होटल में बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया था। वह उसका नाम महाकाल होटल इंदौर बता रहा है।

गुरमा के परिदृश्य में आए बदलाव को देखकर देर तक रहा दिग्भ्रमित

चंदन जब मारकुंडी पहुंचा तो हाइवे को टूलेन से फोरलेन में बदला देखकर भौंचक रह गया। गुरमा को जाने वाली सड़क भी पहले से चौड़ी देख, देर तक वहीं खड़ा रहा। फिर कुछ लोगों से पूछ कर घर जाने के लिए एक टेम्पो पर सवार हुआ। मीना बाजार में पुरानी पुलिया और शीतला मंदिर पर नजर पड़ी तब उसे विश्वास हुआ कि वह सही जगह जा रहा है। घर पहुंचने पर वहां उसके पुराने कच्चे घर की जगह प्रधानमंत्री आवास के तहत पक्का मकान बन चुका था। इसके चलते वह वहां भी भ्रमित हो गया और पास के हैंडपंप पर खड़े होकर अपने परिवार के बारे में पूछने लगा।

तभी पड़ोस के एक महिला की उस पर नजर पड़ी तो वह उसे पहचान गई। उसने सीधे उसे चंदन के नाम से संबोधित किया तो चंदन ने भी यही नाम होने की हामी भर दी। तब तक परिवार के लोग भी पहुंच गए और 14 सालों बाद उसे लौटा देख उनकी आंखें खुशी से नम हो उठीं। थोड़ी देर में इसकी जानकारी पूरे इलाके में फैल गई और तमाम लोग उसे देखने पहुंचे। उसके चाचा गंगाराम ने बताया कि पुलिस को मामले की जानकारी दे दी गई है। शाम को बुलाया गया है। जिन लोगों ने उसके भतीजे को ले जाकर बेचा था। उनके खिलाफ तहरीर भी दी जाएगी।



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Deepak Raj

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