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Sonbhadra News: यूपी-एमपी सीमा पर कोयले की ओवरलोडिंग, 18 चक्के के वाहनों को बनाया 14 चक्के का वाहन

Sonbhadra News: इससे जहां ट्रक पर लदने वाले खनिज (कोयला) की मात्रा बढ़ जा रही है। वहीं ऐसे वाहनों की बड़ी मात्रा होने के कारण केंद्र और राज्य दोनों के खजाने को अच्छी खासी चपत लग रही है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 Feb 2022 6:50 PM IST
Sonbhadra News
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कोयला ओवरलोडिंग की तस्वीर 

Sonbhadra News: फर्जी परमिट और फर्जी व्यक्ति के नाम रजिस्ट्रेशन को लेकर सुर्खियों में रहने वाले परिवहन विभाग के कुछ कर्मियों के संरक्षण में यूपी-एमपी सीमा पर कोयले को लेकर एक बड़ा खेल सामने आया है। कोयले की ओवरलोडिंग के लिए 18 चक्के के वाहन को 14 चक्के का वाहन बनाकर दौड़ाया जा रहा है। फिटनेस जांच में भी उन वाहनों को ओके की रिपोर्ट थमा दी जा रही है।

इससे जहां ट्रक पर लदने वाले खनिज (कोयला) की मात्रा बढ़ जा रही है। वहीं ऐसे वाहनों की बड़ी मात्रा होने के कारण केंद्र और राज्य दोनों के खजाने को अच्छी खासी चपत लग रही है। इसको लेकर शिकायतें भी हो रही हैं लेकिन इस मामले में अब तक कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है।

हाल में ही फर्जी कागजात के आधार पर कोयला तस्करी को लेकर यूपी और एमपी दोनों प्रांतों की पुलिस की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई है। इस बीच ओवरलोडिंग के खेले जा रहे खेल को लेकर सामने आए नए खुलासे ने लोगों को हैरत में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि 18 चक्के वाले वाहनों के चार चक्के या तो निकाल दिया जा रहे हैं या फिर चार चक्के की हवा निकाल कर उसे उपर कर दिया जा रहा है। इससे कांटा के समय वाहन का वजन कम हो जा रहा है और आसानी से उस पर ज्यादा कोयला लोड कर लिया जा रहा है। कम चक्के वाले वाहनों पर भी यह तरीका आजमाया जा रहा है।

हर दिन हजारों टन कोयले का हो रहा वारा-न्यारा

लोगों के दावे पर यकीन करें तो इसकी आड़ में प्रत्येक वाहन में चार से पांच टन कोयले की हेराफेरी हो रही है। यूपी-एमपी सीमा क्षेत्र स्थित कोल खदानों से रोजाना डेढ़ से दो हजार वाहन कोयला ढुलाई में लगे हुए हैं। इसमें बड़ी तादाद 14 चक्के के वाहन में तब्दील किए गए 18 चक्का वाले ट्रेलरों की बताई जाती है। अगर इनकी संख्या 500 भी मानें तो रोजाना ढाई हजार टन (लगभग 20 लाख का कोयला) का रोजाना वारा न्यारा किया जा रहा है। इससे केंद्र और प्रदेश सरकार को रॉयल्टी तथा अन्य मद में मिलने वाले राजस्व को चपत तो लग ही रही है, एनसीएल को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

बता दें कि जैसे अगर कोई वाहन 35 टन में पास है तो उसमें 20 टन वाहन का वजन और 15 टन कोयले का लोड होता है। अगर 18 चक्का वाहन का कुछ चक्का निकाल दिया जाए या बगैर हवा का कर दिया जाए तो वाहन पर लदने वाले 15 टन कोयले की मात्रा बढ़ जाती है। बढ़े कोयले की इंट्री न तो खदान से होने वाले कोयले की उठान में हो पाती है, न ही कांटा पर इसका कोई जिक्र हो पाता है और आसानी से बढ़े हुए कोयले की कीमत बाहर जाकर भुना ली जाती है।

कोयला ओवरलोडिंग की तस्वीर

लंबे समय से तैनात कर्मी दे रहे इस खेल को संरक्षणः लोगों के आरोपों पर गौर करें तो ओवरलोडिंग के इस खेल को कार्यालय में लंबे समय से तैनात एक कर्मी और फील्ड में निगरानी के लिए रहने वाले दो सिपाहियों का संरक्षण बताया जा रहा है। तीन साल से अधिक समय से जमे कर्मियों के स्थानांतरण की नीति है लेकिन सोनभद्र के परिवहन विभाग में यह नीति मायने नहीं रखती। इस कार्य से जुड़े एक कर्मी की तैनाती 16 साल (मात्र एक साल के लिए बाहर) से बताई जा रही है।

वाराणसी के एक ट्रांसपोर्टर को बताया जा रहा इसका मास्टरमाइंडः चर्चाओं पर गौर करें तो ओवरलोडिंग का यह खेल सिर्फ सोनभद्र ही नहीं बल्कि पूर्वांचल कई जनपदों में खेला जा रहा है। ऐसे वाहनों के परमिट, फिटनेस में कोई दिक्कत ना आने पाए, इसके लिए वाराणसी के एक ट्रांसपोर्टर को इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

सामने आए नामों पर की जा रही कार्रवाई, जल्द चलेगा बड़ा अभियान

सेलफोन पर हुई वार्ता में एआरटीओ पीएस राय ने कहा कि ऐसे 17 वाहनों के नाम उनके सामने आए हैं, जिनका नंबर लॉक कर वाहन स्वामियों को नोटिस जारी की गई है। भौतिक सत्यापन होने तक उनके वाहन से जुड़ी कोई भी कार्यवाही परिवहन कार्यालय में नहीं होगी। जहां तक फिटनेस की बात है तो अब यह ऑनलाइन हो गया है इससे पहले जो भी गड़बड़ी हुई होगी उस पर कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ मिर्जापुर संजय तिवारी का कहना था कि स्टाफ कम होने के नाते बड़ी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। चुनाव बाद अभियान चलाया जाएगा। परिवहन आयुक्त का कहना था कि वह पूरे मामले की जानकारी कर कार्रवाई कराएंगे।



Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

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