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Sonbhadra: सवारियों से भरी सोनभद्र डिपो की बस का टायर ब्लास्ट, डिपो प्रभारी सहित पांच घायल, एक गंभीर

सोनभद्र डिपो की बस शक्तिनगर से वाराणसी के लिए सवारियों को लेकर जा रही तो बस का अगला टायर ब्लास्ट हो गया। इसकी चपेट में आकर डिपो इंचार्ज आरके सिंह सहित पांच लोग घायल हो गए।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Kumar
Published on: 20 Aug 2021 8:35 PM IST
five injured due to tire blast of Sonbhadra depot bus
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सोनभद्र डिपो की बस।

सोनभद्र। रक्षाबंधन पर महिलाओं को फ्री यात्रा की सुविधा देकर जहां सरकार वाहवाही लूट रही है। वहीं, पूर्वांचल की सड़कों पर बगैर स्टेपनी के ही खटारा बसें दौड़ाई जा रही हैं। शुक्रवार को शक्तिनगर से वाराणसी के लिए सवारियों को लेकर जा रही सोनभद्र डिपो की बस का अगला टायर ब्लास्ट हो गया।

इसकी चपेट में आकर डिपो इंचार्ज आरके सिंह सहित पांच लोग घायल हो गए। वहीं, हादसे में घायल आरके सिंह की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें उपचार के लिए वाराणसी ले जाया गया।

टायर ब्लास्ट से डिपो इंचार्ज सहित 5 लोग हुए घायल

बताते हैं कि शक्तिनगर से चलकर सुबह 10 बजे के करीब सोनभद्र डिपो की बस राबर्ट्सगंज स्थित बस स्टेशन में पहुंची। चालक ने अगले चक्के के हवा निकलने की शिकायत की। इस पर डिपो इंचार्ज वर्कशॉप से मिस्त्री बुलाकर से चक्के का हवा निकलवाने लगे। उसी दौरान तेज आवाज के साथ टायर ब्लास्ट कर गया।

इससे वहां मौजूद डिपो इंचार्ज आरके सिंह, मिस्त्री रवि, चालक सहित पांच लोग घायल हो गए। सभी घायल रोडवेज कर्मी बताए जा रहे हैं। इसके चलते सवारियों में भी कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। वहीं, बाद में दूसरा टायर लगाकर बस को वाराणसी के लिए रवाना कर दिया गया।

टायरों की खराब स्थिति को देखते 20 बसें की खड़ी

वहीं, टायरों की खराब स्थिति को देखते हुए करीब 20 बसें खड़ी करा दी गईं। हालांकि सवाल पूछे जाने पर 14 बसों को आरटीओ द्वारा कंडम घोषित किए जाने और छह को इंजन में खराबी को लेकर खड़ा होने का कारण बताया जा रहा है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि टायर की स्थिति देखते हुए रास्ते में कहीं कोई बड़ी घटना न हो जाए, इसलिए इन बसों को खड़ा किया गया है।

बता दें कि सोनभद्र डिपो की गणना प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व देने वाले जनपदीय डिपो में होती है। कुछ यही हाल विंध्यनगर डिपो का भी बताया जा रहा है। सोनभद्र से बसों का परिचालन सिर्फ वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज के लिए ही नहीं गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ आदि जगहों के लिए भी होता है।

विभागीय स्तर पर नहीं हुई कोई लापरवाही

उधर, सोनभद्र डिपो के एआरएम एके सिंह का कहना था कि इसमें विभागीय स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई है। बस के अगले हिस्से में नया टायर लगा हुआ था। कुछ मैन्युफैक्चरिंग फॉल्ट के चलते टायर में एयर लिक होने की समस्या आ गई थी। चालक पर खड़ी होने के बाद मिस्त्री बुलाकर उसे दिखा रहा था। तभी यह घटना हो गई। इसकी चपेट में आकर जो भी लोग घायल हुए थे, उनका उपचार कराया जा रहा है। सभी लोग खतरे से बाहर हैं।

कोरोना काल के चलते टायरों की आपूर्ति में दिक्कत आई

स्टेपनी न होने के सवाल पर उन्होंने कोई कमेंट नहीं किया। टायरों की कमी के सवाल पर उनका कहना था कि कोरोना काल के चलते आपूर्ति में दिक्कत आई है। अब ई टेंडरिंग शुरू हो गई है। जल्द ही जरूरत के हिसाब से टायर की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। टायरों की लाइफ के सवाल पर कहा कि हर महीने 15 से 20 नए टायर की जरूरत पड़ती है। प्रत्येक 70 से 75 हजार किलोमीटर चलने के बाद टायरों को अगले हिस्से से हटा दिया जाता है। रिपेयरिंग के बाद उसे पिछले हिस्से में लगाया जाता है।

नए टायर के अचानक से ब्लास्ट की होगी जांच

एआरएम ने कहा कि नए टायर के अचानक से ब्लास्ट के कारण की जांच कराई जाएगी और संबंधित कंपनी को इसको लेकर पत्र भी भेजा जाएगा। बता दें कि सोनभद्र डिपो में 60 बसें हैं, दिन में 20 को खड़ी करा लिया गया है। वर्तमान में 40 का ही संचालन कराया जा रहा है



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Deepak Kumar

Deepak Kumar

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