Sonbhadra News: तालाब में तब्दील हुईं सड़कें, टूटे पड़े हैं पुल, खफा ग्रामीणों का प्रदर्शन

प्रदेश सरकार की साढ़े चार साल की उपलब्धियों पर गड्ढों में तब्दील सड़कें पानी फेर रहे हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 Sep 2021 12:30 PM GMT
graminon ka pradarshan
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तालाब में तब्दील सड़कों के विरोध में प्रदर्शन करते ग्रामीण (फोटो-न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: एक तरफ जहां यूपी सरकार और उनके नुमाइंदे साढ़े चार साल की उपलब्धियां गिनाने में लगे हुए हैं। वहीं प्रदेश में गाजियाबाद के बाद सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले सोनभद्र की सड़कें (sonbhadra ki sadaken) गड्ढों में तब्दील पड़ी हैं। चार विधानसभाओं वाले सोनभद्र (Sonbhadra) में हर विधानसभा क्षेत्र में कई सड़कों की हालत ऐसी ही बनी हुई है। लिंक मार्ग के साथ ही मुख्य मार्गों पर भी कई जगह बने गड्ढों ने वाहनों की रफ्तार रोक रखी है। कई जगह नालों पर बने पुल टूटे पड़े हैं। इसको लेकर ग्रामीण और आवागमन करने वाले लगातार आवाज भी उठा रहे हैं, लेकिन मौजूदा सरकार के चंद माह शेष रह गए कार्यकाल में, सरकारी नुमाइंदों की नजर इन सड़कों पर पड़ पाएगी? यह एक बड़ा सवाल है।

मौजूदा सरकार के शुरुआती कार्यकाल के समय से ही गड्ढों में तब्दील पड़ी दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के मूड़ीसेमर-मेदनीखांड़ मार्ग की हालत पर साढ़े चार साल व्यतीत होने के बावजूद ध्यान न दिए जाने से खफा ग्रामीणों और आवागमन करने वाले शुक्रवार को बिफर पड़े। इसके विरोध में जहां प्रदर्शन किया। वहीं जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगाए।


ओपी यादव, नंदकिशोर गुप्ता, अमरेश केशरी, राकेश एडवोकेट, हर्षित प्रकाश, राजू रंजन तिवारी, सज्जन आलम, विजय पासवान आदि ग्रामीणों ने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 10 साल पूर्व इस सड़क का निर्माण कराया गया था। निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी के कारण बनने के कुछ साल बाद ही सड़क जगह-जगह से उखड़ कर गड्ढों में तब्दील होनी शुरू हो गई। तब से अब तक साथ लगातार गड्ढों की गहराई बढ़ती जा रही है। इस मार्ग से मूड़ीसेमर, मेदनीखांड़, छतवा, छतरपुर, हरपुरा, सलैयाडीह आदि गांवों के ग्रामीणों का आना जाना होता है।


सलैयाडीह गांव की बंधु नगर से होकर गुजरने वाली सड़क कुछ इस तरह बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है कि हल्की बारिश में ही सड़क तालाब में तब्दील नजर आना शुरू हो जा रही है। इसके चलते वाहन से आवागमन में परेशानी तो हो ही रही है। पैदल चलना भी यहां से मुश्किल हो गया है। सड़क पर कई जगह बरसात का पानी तीन फीट तक जमा हो गया है। इसके चलते कहीं-कहीं यह पता लगना मुश्किल हो गया है कि सड़क गड्ढे में है या गड्ढे में सड़क। इसके चलते राहगीरों के साथ ही स्कूल जाने वाले छात्र छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


ग्रामीणों का कहना था कि काफी हो-हल्ला के बाद छह माह पूर्व लोक निर्माण विभाग की तरफ से कुछ जगहों पर चुप्पी का काम कराया गया था, लेकिन पहली बरसात में ही गड्ढे फिर से पुरानी स्थिति में आ गए। सड़क पर कई जगह बरसात का पानी दो से तीन फीट तक जमा हो जाने के कारण आवागमन में फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि हर दिन इस सड़क पर हजारों लोगों का आवागमन है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सरकार बनते ही सड़क को दुरुस्त करने के वायदे किए गए थे। सरकार बनने के बाद प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के निर्देश पर जारी किए गए, लेकिन सोनभद्र की सड़कों को लेकर न तो जनप्रतिनिधियों की तरफ से कोई खास दिलचस्पी दिखाई गई और न ही सरकारी नुमाइंदों ने लंबे समय तक गड्ढे में तब्दील सड़कों को दुरुस्त करवाने की जरूरत समझी।


ग्रामीणों का कहना था कि वह सड़कों की हालत को लेकर कई बार तहसील दिवस में भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला। उधर, प्रधानमंत्री सड़क योजना के सहायक अभियंता नंदकुमार से सेल फोन पर बात की गई तो उनका जवाब था कि मैं अभी बाहर हूं। मूड़ीसेमर में बनी प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी सड़क की क्या हालत है? इसके बारे में कुछ भी बता पाने में असमर्थ हूं।

2018 में भरहरी नाले पर टूटे पुल की भी नहीं ली जा रही सुध

सपा के लोगों ने योगी सरकार पर जनता के हितों को लेकर उदासीनता बरते जाने का आरोप लगाया है। जिलाध्यक्ष विजय यादव की अगुवाई में प्रदर्शन कर भरहरी नाले पर जुगैल क्षेत्र से भरहरी ग्राम पंचायत को जोड़ने वाले पुल को 2018 में टूटने के बाद अब तक कोई सुध न लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। सपाइयों ने नाले के पास पानी में उतर कर पुल की स्थिति भी दिखाई। कहा कि जनहित खासकर आदिवासियों और दुर्गम क्षेत्र के लोगों के हितों को लेकर संजीदा होने का दावा करने वाली सरकार का कोई नुमाइंदा पुल टूटने के बाद से आज तक भरहरी नाले से आवागमन करने वालों की सुध लेने तक नहीं पहुंचा। इस समय प्रदेश में साढे़ चार साल की उपलब्धियां गिनाने का अभियान चल रहा है लेकिन वास्तव में जो समस्याएं हैं उस पर किसी का ध्यान नहीं है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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