TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: बंधी में डूब रही बेटी को बचाने कूदी मां भी पानी में समाई, दोनों की मौत
Sonbhadra News : पांव फिसलने से राधिका अचानक से गहरे पानी में चली गई। मां की नजर जब उस पर पड़ी तो वह भी दौड़ते हुए बेटी को बचाने कूद गई।
Sonbhadra News : हाथीनाला थाना क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र स्थित गड़दरवा ग्राम पंचायत से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां स्थित एक बंधी में नहाने के दौरान डूब रही बेटी को बचाने कूदी मां भी गहरे पानी में समा गई। ग्रामीणों की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद किसी तरह साधन की व्यवस्था कर दुद्धी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। गांव में भी घटना को लेकर मातम की स्थिति बनी रही।
वाकया शनिवार की दोपहर का है। ग्रामीणों के मुताबिक गड़दरवा ग्राम पंचायत निवासी संतोष पटेल की 13 वर्षीय पुत्री राधिका अपने नौ वर्षीय भाई आकाश के साथ घर से कुछ दूरी पर स्थित पड़ावनशीला नामक बंधी में दोपहर के समय स्नान कर रही थी। बताते हैं कि उसी समय पांव फिसलने से राधिका अचानक से गहरे पानी में चली गई। उसके बचाओ -बचाओ की आवाज पर पास में ही मौजूद मां संजू (41) की नजर पड़ी तो वह दौड़ते हुए बेटी को बचाने के लिए बंधी में कूद गई। पानी से लबालब भरी बंधी में डूब रही बेटी को बचाने की कोशिश में संजू भी गहरे पानी में समा गईं। बेटे आकाश के शोर मचाने पर गांव के लोग जमा हुए तो यह देख हतप्रभ रह गए।
किसी तरह से राधिका और उसकी मां संजू को बाहर निकाला गया इसके बाद दोनों को साधन की व्यवस्था कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने जांच के बाद दोनों मां बेटी को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना को लेकर जहां पूरे गांव में मातम की स्थिति बनी रही। वही विधि की इस विडंबना को लेकर लोग भौंचक नजर आए। ग्रामीणों के मुताबिक उक्त बंधी का इस्तेमाल नहाने आदि कार्यों के लिए पूरे बस्ती के लोग करते हैं। पहली बार बंधी में इस तरह की घटना ने लोगों को डरा कर रख दिया है। बता दें कि पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में अभी भी लोगों के यहां हैंडपंप या ट्यूबवेल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है इसके कारण लोग स्नान और कपड़ा धुलाई आदि कार्य के लिए तालाब, बंधी, बाउली, नदी का ही सहारा लेते हैं। यहीं कारण है कि जिले में प्रतिवर्ष तालाब, बंधी, बाउली, नदी, नाले में डूबने से दर्जनों जानें चली जाती हैं।