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Sonbhadra News: दलित उत्पीड़न का झूठा मुकदमा दायर करने में फंसा संग्रह अमीन, दलित प्रधानाध्यापक की पिटाई मामले में अदालत ने दिया ये आदेश
Sonbhadra News: एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) खली कुज्ज्मा की अदालत ने बुधवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया। वहीं दूसरी तरफ जिले में दलित प्रधानाध्यापक की पिटाई की गई है।
Sonbhadra News: दलित उत्पीड़न (Dalit harassment) का झूठा मुकदमा (false case) दायर करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) खलीकुज्ज्मा की अदालत ने बुधवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया। आरोपी बनाए गए सगे भाई राजेंद्र सिंह और रामवृक्ष सिंह को बरी करने के साथ ही मुकदमा दर्ज कराने वाले संग्रह अमीन प्रदीप कुमार के खिलाफ वाद दर्ज करते हुए मामले की सुनवाई शुरू कर दी। वहीं दूसरी तरफ जनपद में दलित प्रधानाध्यापक की पिटाई मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) खलीकुज्ज्मा की अदालत ने इसे संज्ञेय अपराध माना।
कोर्ट ने जिलाधिकारी (District Magistrate) को पत्र भेजकर संग्रह अमीन को दी गई राहत राशि वसूलने का भी आदेश जारी किया गया है। कोर्ट के इस आदेश ने दलित उत्पीड़न का झूठा मुकदमा दर्ज करा कर राहत राशि का जुगाड़ करने वालों में जहां खलबली मचा दी है। वहीं झूठे आरोपों में सुनवाई का सामना कर रहे लोगों में आगे चलकर राहत मिलने की उम्मीद जग उठी है।
ये है पूरा मामला
संग्रह अमीन प्रदीप कुमार ने 18 फरवरी 2013 को करमा थाने में तहरीर दी थी। उसमें आरोप लगाया था कि बिजली बकाया की वसूली के लिए बकाएदार राजेंद्र सिंह निवासी पेटराही के यहां गया हुआ था। बकाया मांगने पर उन्होंने जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित किया।
भाई रामवृक्ष सिंह के साथ मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई भी की। किसी तरह वह वहां से खुद को बचाकर भागा पाया। मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन किया। इसमें गवाहों के बयान मेल न खाने पर आरोपी बने सगे भाई राजेंद्र सिंह और रामवृक्ष सिंह को दोषमुक्त करार दिया गया।
वहीं संग्रह अमीन प्रदीप कुमार के विरुद्ध वाद दर्ज करने और धारा- 344 सीआरपीसी की नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया। अगर इस मामले में राहत राशि प्रदान की गई हो तो उसे वापस लिए जाने का आदेश देते हुए डीएम सोनभद्र से वसूली व अन्य आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। की गई कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया गया है। आदेश की प्रति डीएम सोनभद्र को अनुपालन के लिए भेजी जा रही है।
खंड शिक्षाधिकारी और शिक्षक ने की थी दलित प्रधानाध्यापक की पिटाई, अब दर्ज होगी एफआईआर, कोर्ट ने दिया आदेश
दलित प्रधानाध्यापक की पिटाई मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) खलीकुज्ज्मा की अदालत ने इसे संज्ञेय अपराध माना। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी करमा अरविंद कुमार यादव और सहायक अध्यापक बहेरा आशीष निरंजन पटेल के विरुद्ध राबर्ट्सगंज कोतवाल को एफआईआर दर्ज करने तथा दो दिन के भीतर कृत कार्यवाही से अदालत को अवगत कराने को कहा है। कम्पोजिट विद्यालय सुकृत के दलित प्रधानाध्यापक अशोक कुमार पुत्र झिल्लू राम ने अधिवक्ता के जरिए धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।
जाति सूचक शब्दों का भी प्रयोग किया गया
प्रार्थना पत्र में अवगत कराया था कि एक सितंबर 2021 की सुबह 11:30 बजे विद्यालय पर जांच करने खंड शिक्षा अधिकारी (block education officer) करमा अरविंद कुमार यादव आए। उनके साथ सहायक अध्यापक बहेरा आशीष निरंजन पटेल भी थे। उन्होंने अध्यापक पंजिका मांगी तो उसे दे दिया। इतने में अचानक से खंड शिक्षा अधिकारी आग बबूला हो उठे और जाति सूचक शब्दों से नवाजना शुरू कर दिए।
आपत्ति जताई तो सहायक अध्यापक के साथ मिलकर बेरहमी से पिटाई कर दी। हत्या करवाने की भी धमकी भी दी। अदालत ने अधिवक्ता के तर्कों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद इसे प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध माना और राबर्ट्सगंज कोतवाल को एफआईआर दर्ज कर दो दिन के भीतर अदालत को अवगत कराने का आदेश दिया।
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