TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: बिजली की घटी मांग ने दी कोयला संकट से राहत, 17 इकाइयां चल रही बंद
Sonbhadra News: कोयला की कमी के चलते केंद्र सेक्टर की टांडा की चार इकाइयां बंद रहने से प्रदेश को वहां से एक भी यूनिट बिजली नहीं मिली।
Sonbhadra News: केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी (Union Coal Minister Prahlad Joshi) के नार्दन कोलफील्ड्स के दौरे और सर्दी की आहट के साथ बिजली की मांग में तेजी से आई कमी ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पावर सेक्टर (Power Sector) को बड़ी राहत दे दी है। एनर्जी एक्सचेंज (Energy Exchange) से ₹20 प्रति यूनिट तक खरीदी जा रही बिजली (Bijli) की दर भी ₹10 से 12 के इर्द-गिर्द आ गई है। कोयला (Coal crisi) आपूर्ति में भी थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अभी बिजली परियोजनाओं में कोयला संकट की स्थिति बरकरार है। इसके चलते जहां उत्तर प्रदेश की 15 परियोजनाओं के स्टाक में कोयले की कमी क्रिटिकल स्थिति बनाए हुए है। वही राज्य सरकार, केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र की परियोजनाओं की कोयला संकट एवं अन्य कारणों से 17 इकाइयां बंद पड़ी हुई हैं। बुधवार की रात पीक आवर में शेड्यूल के मुताबिक कई परियोजनाओं से बिजली न मिलने के कारण एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीद कर स्थिति संभालनी पड़ी।
अनपरा परियोजना में तेजी से खत्म होने की तरफ बढ़ते कोयले के स्टाफ को केंद्रीय कोयला मंत्री का दौरा संजीवनी साबित हुआ है। उनके निर्देश के बाद कोयले की आपूर्ति बढ़ गई है। इससे लगभग रोजाना की खपत का कोयला मिलना शुरू हो गया है लेकिन यह स्थिति तब है जब ब्वॉयलर ट्यूब लीकेज के चलते 500 मेगावाट की एक इकाई दो दिन से बंद है वहीं शेष इकाइयां कम क्षमता पर चलाई जा रही हैं। लैंको में कोयला स्टाक (Coal stock) बढ़कर छह दिन का हो गया है, लेकिन स्थिति को देखते हुए यहां भी 600-600 मेगावाट वाली दोनों इकाइयों से कम क्षमता से उत्पादन लिया जा रहा है। इसके पीछे प्रदेश के सिस्टम कंट्रोल से थर्मल बैंकिंग (Thermal Banking) कराने की बात कहीं जा रही है लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों पर गौर करें तो पीक आवर में लैंको से 1107 मेगावाट बिजली (Megawatt Bijli) की जरूरत है लेकिन परियोजना से 706 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध हो पाई। ओबरा की भी इकाइयां लगभग आधी क्षमता से ही चलाई जा रही हैं।
टांडा से नहीं मिल रही बिजली, छह परियोजनाओं में उत्पादन बना हुआ है शून्य
कोयला (Coal crisis) की कमी के चलते केंद्र सेक्टर की टांडा की चार इकाइयां बंद रहने से प्रदेश को वहां से एक भी यूनिट बिजली नहीं मिली। राज्य सरकार की हरदुआगंज, परीक्षा से उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। निजी क्षेत्र के जेपी चुर्क, बेरखेरा, खंभरखेरा, मकसूदपुर में उत्पादन शून्य बने रहने का सिलसिला बना हुआ है। इसके चलते पीक ऑवर के साथ ही सामान्य समय में भी 2 से ₹3 प्रति यूनिट में मिलने वाली बिजली की जगह, उससे महंगी बिजली खरीदने का क्रम बना हुआ है।
जल्द कोयला संकट (Coal sankat) का दौर खत्म हो इसके लिए प्रयास जारी
अनपरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक आरसी श्रीवास्तव (Chief General Manager RC Srivastava) का कहना है कि जल्द कोयला संकट (Coal sankat) का दौर खत्म हो इसके लिए प्रयास जारी है उनके यहां एक रैक कोयले की आपूर्ति बढ़ गई है इससे फिलहाल लगभग रोजाना खपत के लिए कोयला मिलना शुरू हो गया है। स्टॉक में कोयले काफी कम बचा हुआ है उसके सुधार के लिए भी एनसीएल के अधिकारियों से लगातार संपर्क जारी है मुख्यालय को भी स्थिति से लगातार अवगत कराया जा रहा है।